Heart Disease: आज के वक्त में लोगों का खानपान और जीवनशैली इतना खराब हो गया है। जिसके कारण तमाम लोगों में ऐसी बीमारियां होने लगी हैं.जो तेजी से लोगों में बढ़ रही हैं। देश में न जाने कितने लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी का सामना करना पड़ता है। जिसमें ज्यादातर लोगों में असंतुलित खानपान और उनकी खराब जीवनशैली के एक बहुत बड़ा कारण हैं। हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं लोगों को मौत के मुहं में ले जाती है।

काफी लोगों को कहना है की सबसे ज्यादा हर्ट की बीमारी का सामना भारतीयों को करना पड़ता है. काफी भारतीय इस जानलेवा बीमारी का शिकार हो रहें हैं। वैसे देखा जाएं तो हाल ही में कई ऐसे फेमस सितारें रहे है, जो इस खतरनाक बीमारी का शिकार हुए हैं बात करें एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की या फिर राजू श्रीवास्तव की कई ऐसी जानी-मानी हस्तीयां रही है, जिनकी मौत का करण दिली की बीमारी बनी है। आपको बता दें एक कि रिसर्चर में भारतीयों को लेकर एक अजीबोगरीब खुलासा किया है। जिसमें बताया गया है कि आखिर क्यों भारतियों को दिल का दौरा पड़ता है।

आर्टरी छोटी होना है बड़ा करण ?

सर गंगा राम हॉस्पिटल (Ganga Ram Hospital Science) के कार्डियोलॉजी और रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के रिसर्चर के मुताबिक, ये जानकारी सामने आई. कि भारतीयों में दिल की बीमारी को लेकर एक मिथ बना हुआ है एक रिसर्च के जरिए इस मिथ को दूर करने की कोशिश की है. कि सिर्फ भारतीयों में ही दिल की बीमारी की समस्या ज्यादा होती है। काफी समय से लोगों के बीच ऐसी अवधारणा है कि ज्यादातर भारतीय को दिल की बीमारी इसलिए होती है क्योंकि उनकी दिल की आर्टरी छोटी होती है. कई रिसर्च के जरिए ये पता चला कि ऐसा कुछ नहीं होता है. हर्ट की बीमारी बस गलत लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज न करना से होती है। रिसर्च के दौरान ये सामने आया जब 250 मरीजों को अंडर ऑब्जरवेशन रखा गया था. इन सभी ​मरीजों की आर्टरी की साइज छोटी थी और यह सभी दिल की बीमारी से पीड़ित थे. 250 मरीजों पर किया गया ये रिसर्च ‘जर्नल ऑफ इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी’ में पब्लिश भी हुई है।

जहां डॉ. जेपीएस साहनी जो कि सर गंगा राम अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन और इस जर्नल के हेड ऑर्थर हैं. उन का कहना कि इस पूरे रिसर्च में यह पाया गया कि इन 250 लोगों में 51% हाई ब्लड प्रेशर और 18% डायबिटीज के मरीज थे, 4% धूम्रपान करने वाले थे. 28 प्रतिशत डिस्लिपिडेमिक थे, और 26 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिनकी फैमिली का दिल की बीमारी का इतिहास रहा है. ऐसी ​स्थिति में लाजमी है कि आप दिल की बीमारी से पीड़ित हो ही जाएंगे.

वही सर गंगा राम हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के लेखक और वरिष्ठ सलाहकार डॉ अश्विनी मेहता का कहा है कि,’रिसर्च में पाया गया है कि औरत की तुलना में इंडियन मर्द की आर्टरी बड़ी होती है. लेकिन हार्ट अटैक ज्यादा मर्द को ही होता है. जिसे ये साफ है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हार्ट की साइज या आर्टरी की साइज क्या है. भारतीयों को एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी बीमारी इसलिए हो जाती है ​क्योंकि उनके हार्ट के आर्टरी में फैट जमा हो जाता है और यह सब खराब लाइफस्टाइल की वजह से होता है।

भारतीयें अपने खानपान में लापरवाही करते है, अपने लाइफइस्टाइल से खिलवाड़ करते है. जिसका नतिजा उसके शरीर में ऐसी खतरनाक बीमारियों का घर बना लेना होता है।