दुनिया भर के डॉक्टरों के लिए हर साल मच्छरों से फैलाने वाली बीमारियों का मौसम चुनौतीपूर्ण रहता है। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए तरह तरह के उपाय किए जाते हैं। मच्छरों को मारने के लिए कई तरह के केमिकल का यूज भी किया जा रहा है। लेकिन इन केमिकल्स के बढ़ते प्रयोग के कारण मच्छरों में प्रतिरोधी क्षमता यानी इम्यूनिटी भी विकसित हो रही है।
इससे मच्छरों के प्रकोप से छुटकारा पाने में मुश्किल आ रही है. साथ ऐसे केमिकल पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया में किए गए एक प्रयोग में पाया गया है कि डेंगू जैसे रोगों को फैलाने वाले मच्छरों का सफाया एक खास बैक्टीरिया से किया जा सकता है। कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के रिसर्चर्स की एक टीम ने पाया है कि वल्बाचिया बैक्टीरिया रोगाणु वाहक मच्छर एडीस इजिप्ती को सफलता पूर्वक स्टारलाइज कर सकता है।
रिसर्च करने वालों ने 2018 में 20 हफ्ते के अपने प्रयोग में करीब 30 लाख स्टरलाइज्ड मच्छरों को क्वींसलैंड की तीन ट्रायल साइटों पर छोड़ा था। मादा इजिप्ती मच्छर जब स्टरलाइज्ड नर मच्छरों के संपर्क में आए तो उनसे अंडा या लार्वा तो बने, लेकिन उससे मच्छर नहीं पनप सके।
रिसर्चर्स ने ये पाया कि 12 महीनों में ट्रायल साइटों पर मच्छरों का प्रकोप (आबादी ) 80 से 97 प्रतिशत तक कम हो गई। ऐसा बताया जा रहा है कि यह तकनीक वायरस फैलाने वाले एशियन टाइगर मच्छर एडीज एल्बोपिक्टस की रोकथाम के लिए अपनाई जा सकती है।
आपको बता दें कि एडीस इजिप्ती डेंगू बुखार, येलो फीवर, जीका वायरस तथा अन्य रोगों के फैलाव के लिए जिम्मेदार है. रिसर्च में ये पाया गया कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्र यानी ट्रॉपिकल जोन के 120 से ज्यादा देशों में लाखों लोग मच्छरों द्वारा फैलाए जाने वाली बीमारियों की चपेट में आते हैं।
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