India News (इंडिया न्यूज), Osteoporosis drug treat Diabetes: भारत को दुनिया का “डायबिटीज कैपिटल” कहा जाता है। देश में 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और इनमें से आधे से अधिक लोगों को यह भी नहीं पता कि उनके शरीर में यह बीमारी घर कर चुकी है। यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि डायबिटीज को अभी तक पूरी तरह से खत्म करने के लिए कोई दवा विकसित नहीं हो पाई है।
डायबिटीज और नई शोध की दिशा
डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए दुनियाभर के शोधकर्ता नई संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं। हाल के दिनों में वैज्ञानिकों ने अन्य बीमारियों की दवाओं से डायबिटीज को नियंत्रित करने पर रिसर्च शुरू की है। इन्हीं प्रयासों के तहत, वैज्ञानिकों ने पाया है कि ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) की दवा डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। इस दवा का पहला ट्रायल चूहों पर सफल रहा है, और अब इसे इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल के लिए तैयार किया जा रहा है।
बीटा सेल्स और डायबिटीज का कनेक्शन
डायबिटीज, विशेष रूप से टाइप 1 डायबिटीज, में पैंक्रियाज में बीटा सेल्स की गड़बड़ी के कारण इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। बीटा सेल्स की गिनती घटने से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि ऑस्टियोपोरोसिस की दवा इन बीटा सेल्स को बढ़ावा दे सकती है।
डिनोसुमाब: बीटा सेल्स की सुरक्षा
सिटी ऑफ होप के वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस की दवा डिनोसुमाब से बीटा सेल्स की सुरक्षा की जा सकती है या नहीं। डिनोसुमाब एक मोनोकोलोनल एंटीबॉडी दवा है, जो मुख्य रूप से RANKL प्रोटीन को रोककर हड्डियों की क्षति को रोकती है। इस दवा के प्रभाव का विश्लेषण यह समझने में मदद करेगा कि यह बीटा सेल्स को किस प्रकार सुरक्षित रख सकती है।
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टाइप 1 डायबिटीज के लिए वरदान
इस स्टडी के प्रमुख लेखक डॉ. फोवाद आर कांडील के अनुसार, पहले से तैयार दवा का डायबिटीज मरीजों पर उपयोग करना एक अनोखी कोशिश है। अगर यह दवा बीटा सेल्स को सुरक्षित रखने में सफल होती है, तो टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक वरदान साबित हो सकती है।
डिनोसुमाब, शरीर में RANK रिसेप्टर और RANKL प्रोटीन के संपर्क को रोकता है, जिससे हड्डियों की क्षति रुकती है। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया है कि यही रिसेप्टर बीटा सेल्स को भी नुकसान पहुंचाता है। इस आधार पर, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि डिनोसुमाब डायबिटीज को रोकने में भी सक्षम हो सकता है।
संभावनाएं और उम्मीद
अगर यह रिसर्च सफल रहती है, तो डायबिटीज मरीजों को इंसुलिन इंजेक्शन से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा, यह दवा लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बना सकती है। वैज्ञानिक जल्द ही क्लिनिकल ट्रायल शुरू करेंगे और इस दवा के प्रभाव का आकलन करेंगे।
डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए डिनोसुमाब जैसी दवाओं का उपयोग एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। अगर यह शोध सफल होता है, तो यह डायबिटीज से पीड़ित करोड़ों लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन सकता है।