Plastic Ki Bottal Se Pani Peene ke Nuksaan
नेचुरोपैथ कौशल
क्या आप प्लास्टिक की बोतल से पानी पीते है ?
● प्लास्टिक की बोतल का प्रयोग करना स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत ही ही हानिकारक है।
● अगर आप प्लास्टिक के बोतल से पानी पीते हैं, तो इसके कारण कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, गर्भवती मां और बच्चे को खतरे के अलावा कई दूसरी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
जानिये….
प्लास्टिक बोतल से पानी पीने से शरीर को क्या क्या समस्यायें उत्पन्न हो सकती हैं।
महिलाओं को हो सकता है अबॉर्शन (Plastic Ki Bottal Se Pani Peene ke Nuksaan)
● वे महिलाएं जिन्हें प्रेगनेंट होने में परेशानी उठानी पड़ी है या जिनका पहले भी एक बार मिसकैरेज हो चुका है उन्हें प्लास्टिक की बोतल से ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिये।
● यह पुरुषों में स्पर्म काउंट भी कम करता है।
पेट की समस्या बढ़ सकती है (Plastic Ki Bottal Se Pani Peene ke Nuksaan)
अगर आपकी बोतल महीनों से नहीं धुली है और बार-बार उसमें पानी भर कर पी रहे हैं, तो आपको पेट की समस्या आराम से हो सकती है क्योंकि उसमें बैक्टीरिया का घर बन जाता है।
बीमार बच्चों का जन्म हो सकता है (Plastic Ki Bottal Se Pani Peene ke Nuksaan)
बोतल को बनाने वाला कैमिकल भ्रूण में गुणसूत्र (क्रोमोसोम) असामान्यताएं पैदा कर सकता है जिससे बच्चे में जन्म दोष हो सकता है। अगर बोतल के पानी का नियमित सेवन गर्भावस्था में किया गया तो पैदा होने वाले शिशु को आगे चल कर प्रोस्ट्रेट कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर तक हो सकता है।
एसीडिटी, गैस और कब्ज देती है (Plastic Ki Bottal Se Pani Peene ke Nuksaan)
● दरअसल प्लास्टिक की बोतल को बनाने के लिए प्रयोग किये जाने वाले बाइसफेनोल-ए के कारण पेट पर भी बुरा असर पड़ता है।
● बीपीए नामक रसायन जब पेट में पहुंचता है तब इसके कारण पाचन क्रिया भी प्रभावित होती है।
● इससे खाना भी अच्छे से नहीं पचता और कब्ज और पेट में गैस की समस्या भी हो सकती है।
याददाश्त की कमी होती है (Plastic Ki Bottal Se Pani Peene ke Nuksaan)
प्लास्टिक की बोतल में प्रयोग की जोन वाली बाइसफेनोल-ए के कारण दिमाग के कार्यकलाप प्रभावित होते हैं। इसके कारण इंसान की समझने और याद रखने की शक्ति कम होने लगती है।
कैंसर का बढ़ता खतरा (Plastic Ki Bottal Se Pani Peene ke Nuksaan)
प्लास्टिक के बोतल का पानी कैंसर की वजह हो सकता है। प्लास्टिक की बोतल जब धूप या ज्यादा तापमान की वजह से गर्म होती है तो प्लास्टिक में मौजूद नुकसानदेह केमिकल डाइऑक्सिन का रिसाव शुरू हो जाता है। ये डाईऑक्सिन पानी में घुलकर हमारे शरीर में पहुंचता है। डाइऑक्सिन हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाओं पर बुरा असर डालता है। इसकी वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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