India News (इंडिया न्यूज), Pre Pregnancy Test: प्रेग्नेंसी एक महिला के लिए सबसे खुशी का पल होता है। इस दौरान उसे अपना और गर्भ में पल रहे बच्चे का खास ख्याल रखना होता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि प्रेग्नेंसी से पहले हर कपल को कुछ टेस्ट करवा लेने चाहिए। प्री-प्रेग्नेंसी टेस्ट की मदद से पता चल जाता है कि उन दोनों को किसी तरह की बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या तो नहीं है।
इन टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर महिला को कंसीव करने के लिए जरूरी डाइट, सप्लीमेंट्स और एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं। अगर आप भी प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो यहां जानें आपको और आपके पति को कौन-कौन से टेस्ट करवाने चाहिए…
टेस्ट प्रेग्नेंसी से पहले कपल का ब्लड ग्रुप जानने के लिए ब्लड टेस्ट कराया जाता है। अगर किसी महिला का Rh नेगेटिव या पॉजिटिव है और उसके पार्टनर का Rh नेगेटिव ब्लड ग्रुप है, तो बच्चे में हीमोलिटिक बीमारी का खतरा रहता है, जो बच्चे के दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है और उनके लिए जानलेवा भी हो सकता है। इस टेस्ट से इस खतरे से बचा जा सकता है। अगर किसी महिला को कभी खसरा या रूबेला का टीका लगाया गया है, तो इस जांच से पता चलता है कि उसे बूस्टर वैक्सीन की जरूरत है या नहीं। Pre Pregnancy Test
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गर्भधारण करने से पहले, एक महिला को एंटीबॉडी टेस्ट से भी गुजरना पड़ता है। अगर किसी महिला को पहले खसरा या रूबेला का टीका लग चुका है, तो इस टेस्ट से यह पता चलेगा कि उसे बूस्टर वैक्सीन की ज़रूरत है या नहीं।
सिफलिस संक्रमण के लिए रक्त परीक्षण किया जाता है। यह एक यौन संचारित संक्रमण है, जिसके लक्षण अक्सर दिखाई नहीं देते। यह गर्भावस्था में समस्या पैदा कर सकता है। हालांकि, अगर इसका सही समय पर पता चल जाए, तो एंटीबायोटिक दवाओं से इसका इलाज भी किया जा सकता है।
डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं को गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी की जांच करवानी चाहिए। इससे बच्चे और मां दोनों सुरक्षित रह सकते हैं।
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गर्भावस्था से पहले की जांच में यूरिन टेस्ट भी अहम होता है। यह टेस्ट यूटीआई और किडनी से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है। अगर दंपत्ति में कोई समस्या है, तो उसका पहले से इलाज करके बच्चे के स्वास्थ्य की रक्षा करने की कोशिश की जाती है।
इससे गर्भाशय फाइब्रॉएड, सिस्ट, गैर-कैंसर वाले ट्यूमर या पेल्विक इंफ्लेमेटरी बीमारियों का पता लगाया जाता है। यह उन समस्याओं की जांच करता है जो गर्भावस्था को प्रभावित कर सकती हैं जैसे अनियमित मासिक धर्म, पीसीओएस।
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