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गर्भवती महिलाओं की कई शारीरिक-मानसिक समस्याओं का उपाय है प्रीनेटल योग

Sameer Saini • LAST UPDATED : September 12, 2021, 6:35 am IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इन समस्याओं को पूरी तरह से रोका तो नहीं जा सकता क्योंकि ये उस समय की नेचुरल प्रक्रिया का हिस्सा होती हैं। लेकिन योग के जरिए इन्हें काफी हद तक नियंत्रित जरूर किया जा सकता है। इसीलिए तमाम विशेषज्ञ गर्भावस्था के समय योग करने की सलाह देते हैं। लेकिन कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान योग करने को लेकर मन में संशय होता है। उन्हें लगता है कि कहीं इससे उनके गर्भस्थ शिशु को कोई परेशानी न हो जाए। आपको बता दें कि गर्भावस्था के दौरान आप जितना एक्टिव रहेंगी, आपके लिए समस्याएं भी उतनी ही कम होंगी। योग करने वाली महिलाओं की डिलीवरी भी आसानी से होती है और डिलीवरी के बाद रिकवरी भी जल्दी होती है। ऐसे तमाम योगासन हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित माना जाता है। आप विशेषज्ञ से इसके बारे में सलाह लेकर किसी जानकार की देखरेख में इसे आराम से कर सकती हैं। यहां जानिए प्रीनेटल योग के बारे में।

क्या है प्रीनेटल योग

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को थकान, बेचैनी, मूड स्विंग्स, घबराहट, उल्टी आदि कई तरह की परेशानियां होती हैं। इसका मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव को माना जाता है। इन समस्याओं से प्रेगनेंट महिला को राहत दिलाने के लिए प्रीनेटल योग के जरिए बेहद आसान योगासन और कुछ आसान मुद्राओं का अभ्यास कराया जाता है। इन योगासनों को करने से ब्लड सर्कुलेशन और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है और तमाम समस्याओं से आराम मिलता है।

कौन से योगासन सुरक्षित

विशेषज्ञों की मानें तो चौथे महीने से योग करना प्रेगनेंसी में सही माना गया है। इस दौरान ताड़ासन, वज्रासन, सुखासन, त्रिकोणासन, तितली आसन, पश्चिमोत्तानासन, वीरभद्रासन, और शवासन को सुरक्षित माना जाता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान हर महिला की स्थिति अलग होती है, इसलिए आप कोई भी योगासन करने से पहले एक बार विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।

इन बातों का रहे खयाल

नौकासन, चक्रासन, विपरीत शलभासन, भुजंगासन, हलासन, अर्धमत्स्येंद्रासन को गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है। इसलिए इन्हें करने की गलती न करें। इसके अलावा विशेषज्ञ की सलाह के बाद कोई भी आसन या मुद्राओं का अभ्यास किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें, ताकि भूल से भी कोई समस्या पैदा न हो। अधिक व्यायाम करके अपने आप को तनाव में न डालें। साथ ही शरीर में पानी की कमी न होने दें।

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