Rumors Related To Periods आज भी महिलाएं Periods के बारे में खुलकर चर्चा करने से कतराती हैं। कुछ जगहों पर तो मासिक धर्म को अपवित्र माना जाता है। कम जानकारी के चलते पीरियड्स को लेकर लोगों के मन में कई धारणाएं बनी हुई हैं। इस बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। किसी भी अन्य स्वास्थ्य समस्या की तरह लड़कियों को पीरियड्स के बारे में बोलने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि लोगों के बीच भ्रम ना फैले। आइए जानते हैं पीरियड्स से जुड़े ऐसे ही कुछ मिथक के बारे में जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। लेकिन लोग इन्हें आज भी मानते हैं क्योंकि सदियों से इस पर विश्वास किया जाता रहा है।
ऐसा माना जाता है कि Periods का रक्त गंदा है, लेकिन इसे गंदा नहीं कहा जा सकता है। इसमें किसी भी तरह के टॉक्सिन्स नहीं होते हैं। हालांकि, रक्त में गर्भाशय के टिशू, म्यूकस लाइनिंग और बैक्टीरिया होते हैं, लेकिन ये रक्त को गंदा नहीं करते हैं। ये एक शारीरिक प्रक्रिया है, जिसके बारे में किसी को भी शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए।
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हर महिला का मासिक धर्म एक अलग चक्र होता है और ये पूरी तरह शरीर पर निर्भर करता है कि महिलाएं कितने समय तक पीरियड्स होती हैं। सामान्य चक्र की अवधि 2 से 8 दिनों तक होती है। यदि आपको 2 से कम या 8 दिनों से अधिक पीरियड्स होते हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान खट्टी चीजें खाने से बचती हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि आप ऐसा नहीं कर सकती हैं। महिलाओं के लिए ये महत्वपूर्ण है कि वे पीरियड्स के दौरान स्वस्थ और संतुलित आहार लें और पीरियड से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए जंक फूड खाने से बचें।
मासिक धर्म का नहाने, सिर धोने, मेकअप करने से कोई लेना-देना नहीं है। जबकि नियमित रूप से स्नान और इंटिमेट एरिया की सफाई रखने से स्वच्छता बनी रहती है और इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है।
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