मनोरंजन डेस्क/नई दिल्ली (Sadhguru: He didn’t canceled a single program because of his illness) : अपने विचारों से लाखो लोगों की जिंदगी बदलने वाले सद्गुरु जब बोलते है तो हर कोई उनसे प्रभावित हो जाता है। 65 साल के सद्गुरु का असली नाम जग्गी वासुदेव है जो युवाओं के बीच अपनी जोश और पॉजिटिविटी के लिए जाने जाते हैं। सदगुरु की अध्यात्म की दुनिया में भी अपनी एक अलग पहचान है।
- क्या है सद्गुरु के इम्यूनिटी का राज ?
- कौन है सद्गुरु ?
क्या है सद्गुरु के इम्यूनिटी का राज ?
सोशल मीडिया पर हर दिन सद्गुरु से जुड़े वीडियोज् वायरल होते रहते हैं। अब एक ऐसा ही वीडियो सद्गुरु का वायरल हो रहा है जहां वो एक सवाल के जवाब में अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमताओं के बारें में बात करते वक्त अपनी तंदुरस्ती का राज सबके साथ साझा करते हैं। सद्गुरु कहते हैं कि मैं पिछले 39 साल से इस सार्वजनिक जीवन में हूँ। लगभग हर रोज मेरा कोई न कोई सार्वजनिक कार्यक्रम होता है लेकिन इन 39 सालों में मैंने अपने बिमारी की वजह से एक भी कार्यक्रम रद्द नहीं किया। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हम सभी संक्रमण के संपर्क में आते हैं लेकिन मैं बस गर्म पानी में थोड़ा शहद, हल्दी और हो सके तो इसमें थोड़ा धनिया डाल कर सेवन करता हू जिससे वह रोग मुक्त रहते हैं।
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कौन है सद्गुरु ?
सद्गुरु का जन्म मैसूर में हुआ था। वो बचपन से ही दूसरों बच्चों की तुलना में काफी अलग थे। 13 साल की उम्र में, उन्होंने श्री राघवेंद्र राव (मल्लदिहल्ली स्वामी) के मार्गदर्शन में प्राणायाम और आसन जैसे योग शिक्षा की शुरुआत कर दी थी। धीरे- धीरे लोग उन्हें ध्यान और अध्यात्म के लिए पहचानने लगें। सदगुरु एक अच्छे समाज सुधारक हैं साथ ही साथ प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स के भी संस्थापक है, जिसका उद्देश्य धरती को एक बार फीर हरे पेड़-पौधों से भरना है। इस संस्था ने अब तक 27 मिलियन से भी ज्यादा पौधारोपण कर चुकी है।
इसके अलावा सद्गुरु अलग-अलग प्रोजेक्ट और कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के पिछड़े लोगो को मुख्य धारा से जोड़ने का भी काम करते हैं। सद्गुरु की ईशा विद्या कार्यक्रम, ईशा फाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र में चलायी जा रही एक योजना है। जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में शिक्षा के स्तर का विकास करना है।
इस योजना के तहत 7000 बच्चो को पढ़ाने वाली 7 ग्रामीण स्कूलों की स्थापना की गई है। इसके साथ आर्थिक रूप से कमजोर बच्चो की सहायता करने के लिए 512 सरकारी स्कूलों को गोद लिया गया है। सद्गुरु प्रेरक वक्ता के साथ- साथ एक अच्छे लेखक भी हैं। उन्होंने अब तक 100 से ऊपर किताबें लिखी हैं।