Side Effects Of Air Pollution : उत्तर भारत में दिवाली के बाद से वायु प्रदूषण अचानक से बढ़ जाता है। ऐसे में आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है। लेकिन अब अपनी तरह के पहले शोध में बताया गया है कि आनुवांशिकता और वायु प्रदूषण मिलकर हेल्दी लोगों में अवसाद यानी डिप्रेशन के खतरे को बढ़ा देते हैं। इस स्टडी के मुताबिक हवा में घुले अत्यधिक प्रदूषित कण जब सांस के जरिये उन स्वस्थ लोगों के शरीर में प्रवेश करते हैं जिनमें अवसाद के जींस मौजूद हैं, उन्हें यह बीमारी हो सकती है। (Side Effects Of Air Pollution)
जरनल पीएनएएस में प्रकाशित इस रिसर्च में वायु प्रदूषण, न्यूरो इमेजिंग, ब्रेन जीन एक्सप्रेशन और अन्य अतिरिक्त वैज्ञानिक आंकड़ों की मदद से 40 से अधिक देशों के लोगों का अंतरराष्ट्रीय आनुवांशिक संग्रहालय बनाया गया है। चीन की पेकिंग विश्वविद्यालय के सहयोग से इस रिसर्च को लीड करने वाले अमेरिका में एलआईबीडी यानी लेबर इंस्टीट्यूट फॉर ब्रेन डेवलेपमेंट के हाओ यांग टैन ने बताया कि इस शोध का अहम संदेश यह है कि वायु प्रदूषण दिमाग की भावनात्मक और पहचान संबंधी क्षमता को प्रभावित करके बदल रहा है। यह बदलाव लोगों को अवसाद की ओर ढकेल रहा है। (Side Effects Of Air Pollution)
प्रदूषण बढ़ने से बदलता है बिहेवियर (Side Effects Of Air Pollution)
टैन ने बताया कि अत्यधिक प्रदूषण वाले इलाकों में अधिकाधिक लोग अवसाद के शिकार हो रहे हैं। पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ने से लोगों का व्यवहार बदलने लगता है। शोधकर्ताओं के अनुसार कमोबेश सभी लोगों में अवसाद होने की आशंका होती है, लेकिन कुछ लोगों में उनकी आनुवांशिकता के कारण इसका खतरा अत्यधिक रहता है। साइंटिस्टों का कहना है कि वायु प्रदूषण सिर्फ श्वसन रोगों ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इस बारे में लोगों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है। (Side Effects Of Air Pollution)
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