होम / Sleep Talking Treatment नींद में बड़बड़ाने की है आदत तो इस तरह लाइफ स्‍टाइल में करें बदलाव

Sleep Talking Treatment नींद में बड़बड़ाने की है आदत तो इस तरह लाइफ स्‍टाइल में करें बदलाव

Sameer Saini • LAST UPDATED : November 30, 2021, 11:25 am IST

Sleep Talking Treatment : कुछ लोग नींद में सोते-सोते बड़बड़ाते है। बड़बड़ाने की यह आदत स्लीपिंग डिसऑर्डर का एक लक्षण है। यह बीमारी कई कारणों से होती है जिसका सबसे बड़ा कारण तनाव, डिप्रेशन, नींद की कमी और गलत लाइफ स्‍टाइल है। स्‍लीपिंग डिसऑर्डर की वजह से नींद पूरी नहीं होती और दिन भर थकान महसूस होती रहती है। यह समस्‍या आज पूरी दुनिया में आम होती जा रही है।

हेल्‍थलाइन डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की आबादी का एक तिहाई हिस्‍सा सात घंटे से कम नींद ले पाता है और 70 प्रतिशत हाई स्‍कूल स्‍टूडेंट्स 8 घंटे से कम नींद ले पाते हैं। यह आंकड़ा वीक डेज का है। इनमें से ज्‍यादातर वे लोग हैं जो तनाव से ग्रस्‍त हैं। स्‍लीप डिसऑर्डर के निगेटिव इंपैक्‍ट के रूप में असमय निंद्रा, थकान, कॉन्संट्रेशन की कमी, चिड़चिड़ापन आदि देखने को मिलता है। इसका असर लोगों के वर्कप्‍लेस से लेकर रिलेशनशिप में भी देखने को मिल रहा है। (Sleep Talking Treatment)

क्‍या हैं लक्षण

अगर इसके लक्षण की बात की जाए तो नींद ना आना, दिनभर थकान, अजीब तरीके से सांस लेना, सोते वक्‍त बड़बड़ाना, बेचैनी, वर्कप्‍लेस पर काम प्रभावित होना, एकाग्रता में कमी, डिप्रेशन और एकाएक वजन बढ़ते जाना इसके लक्षण हैं। ये लक्षण अगर एक महीने से ज्‍यादा रह जाते हैं तो इसे इग्‍नोर नहीं करना चाहिए और डॉक्‍टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिये। (Sleep Talking Treatment)

क्‍या है ट्रीटमेंट

मेडिकल ट्रीटमेंट और डॉक्‍टर की सलाह के बाद नींद के पैटर्न में सुधार संभव है। इसके अलावा लाइफ स्‍टाइल में बदलाव लाकर भी नींद के पैटर्न को ठीक किया जा सकता है। अगर लाइफ स्‍टाइल में बदलाव की बात करें तो इन बातों को ध्‍यान में रखने की जरूरत है। मीठा कम खाएं और जहां तक हो सके मछली और हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें।

व्‍यायाम और स्‍ट्रेचिंग को अपनी लाइफ में शामिल करें। सोने से पहले कम पानी पिएं। कैफीन की मात्रा कम करें खास तौर पर शाम के बाद। अल्‍कोहल और तम्‍बाकू के सेवन से दूरी बनाएं। डिनर में लो कार्बोहाइड्रेड का सेवन करें। वेट कंट्रोल रखें। सोने और जागने का टाइम फिक्‍स करें। (Sleep Talking Treatment)

Also Read : Exercise is Necessary with Fasting, उपवास से पहले ज्यादा खाने से नहीं होता फायदा

Also Read : Lungs Damage Treatment नए ‘माइक्रो आरएनए’ को टारगेट कर फेफड़े से जुड़ी बीमारियों का इलाज होगा आसान

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT