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Snake Venom: क्यों बढ़ रहा सांप के जहर का चलन? जाने इसके लक्षण और साइड इफेक्ट्स

India News (इंडिया न्यूज़), What is Snake Venom: ‘बिग बॉस ओटीटी 2’ के विजेता रहे एल्विश यादव (Elvish Yadav) लगातार सुर्खियों में छाए हुए हैं। दरअसल, यूपी पुलिस ने यूट्यूबर के खिलाफ रेव पार्टियों में सांप का जहर सप्लाई करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। इस मामले के सामने आने के बाद से ही एल्विश लगातार खबरों में बने हुए हैं। हालांकि, पूरे मामले में यूट्यूबर ने अपना पक्ष रखते हुए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इस बीच अब सांप के जहर से किए जाने वाले नशे को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। तो यहां जानिए कि क्या है सांप के जहर का नशा और क्यों नशे के लिए पार्टी आदि में इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है।

क्यों बढ़ रहा सांप के नशे का चलन?

आपको बता दें कि इन दिनों नशे के लिए रेव पार्टी में कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। मॉर्फिन और कोकीन आदि तो लंबे समय से नशे के लिए इस्तेमाल किए जाते रहे हैं, लेकिन बीते कुछ समय से लोगों के बीच सांप के जहर का नशा करने का चलन तेजी से बढ़ गया है। एक अध्ययन के मुताबिक बताया गया कि इन दिनों लोग सांप, बिच्छू जैसे रेप्टाइल्स के जहर का इस्तेमाल मनोरंजक उद्देश्यों और अन्य नशीले पदार्थों के विकल्प के रूप में किया जा रहा है।

कैसे होता है सांप का नशा?

वहीं, एक अध्ययन में ये सामने आया कि स्पाइनी-टेल्ड छिपकलियों के जले हुए शवों, जहरीले शहद, स्पेनिश मक्खियों और कैंथराइड्स का इस्तेमाल रेव पार्टियों में डोपिंग के मकसक के लिए भी किया जाता है। जर्नल में ये भी बताया गया कि ज्यादातर लोग लंबे समय तक नशे में रहने के लिए रेव पार्टी में सांप के जहर का नशा करते हैं। इतना ही नहीं इस अध्ययन में इस नशे को करे का तरीका भी बताया गया है।

रिसर्च पेपर में ये बताया गया कि सांप के जहर का नशा करने के लिए लोग आमतौर पर सांप को अपने होंठ के पास रखकर खुद को कटवाते हैं। इसके अलावा इसका नशा करने के लिए लोग खुद को होंठ, जीभ या कान के लोब पर भी सांप से डसवाते हैं।

सांप के जहर का मानव शरीर पर प्रभाव

अध्ययन में ये सामने आया कि जो लोग सांप के जहर का नशा करते हैं, वो पहले से ही विभिन्न साइकोट्रॉपिक पदार्थों का इस्तेमाल करते आ रहें हैं। ज्यादातर, इसमें किशोर हर समय नशे में रहने के लिए सांप के जहर का नशा पसंद करते हैं।

जब जहर व्यक्ति के खून के साथ मिश्रित होता है, तो यह सेरोटोनिन, ब्रैडीकाइनिन, पेप्टाइड्स और प्रोस्टाग्लैंडिंस छोड़ता है, जिसका सीडेटिव प्रभाव होता है। हालांकि, मानव शरीर और मस्तिष्क पर सांप के जहर का कोई न्यूरोटॉक्सिक प्रभाव नहीं होने का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।

सांप काटने के बाद के लक्षण

सांप के काटने के बाद होने वाला साइकोट्रॉपिक प्रभाव अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग होता है, लेकिन इसका प्रभाव मॉर्फिन के समान ही होता है। सांप के काटने के बाद के लक्षणों में सुस्ती, ब्लर विजन, चक्कर आना, उनींदापन, चक्कर आना, तीव्र निरंतर उत्साह और उत्तेजना आदि शामिल हैं।

 

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Nishika Shrivastava

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