कई लोग तनाव को कम करने व सुंदरता बढ़ाने के लिए स्टीम/सॉना बाथ का सहारा लेते हैं। स्टीम बाथ का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता आया है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया स्टीम बाथ का प्रचलन भी बढ़ता गया। स्टीम बाथ ना सिर्फ आपकी स्किन को अंदर से साफ करता है, बल्कि आपके शरीर की थकान दूर होती है। कई लोग वजन कम करने के लिए स्टीम बाथ लेते हैं।
स्टीम बाथ की शुरुआत प्राचीन रोमनवासियों की ओर से कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। स्टीम बाथ के कई फायदे हैं। वहीं अगर स्टीम बाथ लेते समय लापरवाही बरतेंगे, तो इससे नुकसान भी हो सकता है। तो चलिए जानते हैं स्टीम बाथ के फायदे व नुकसान के बारे में।
प्राचीन काल में रोमनवासियों ने कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए स्टीम/सॉना बाथ को इजात किया था।
स्टीम बाथ: यह एक प्रकार का खास स्नान है, जिसमें पानी की जगह भाप से नहाया जाता है। सॉना बाथ पूरे शरीर की थमोर्थेरेपी (गर्म थेरेपी) का एक रूप है, जिसका उपयोग दुनियाभर में अलग-अलग तरीके से होता है। इसमें सबसे पहले एक कमरे को शुष्क हवा से लगभग 80 से 100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर किया जाता है। इसके भाप से लोग स्नान करते हैं। अर्थात पूरे शरीर की भाप से सिकाई की जाती है। इसी वजह से इसे स्टीम बाथ कहते हैं।
सॉना बाथ: के दौरान कमरे का तापमान 80 से 90 डिग्री सेल्सियस तक होता है, जिससे पसीने के माध्यम से हानिकारक पदार्थ शरीर से निकल जाते हैं। इसे 5 से लेकर 20 मिनट तक 1 से 3 बार तक दोहराया जा सकता है। स्टीम बाथ का इतिहास प्राचीन रोमन सभ्यता से जुड़ा हुआ है, जहां से इसकी शुरूआत हुई थी।
Steam Bath Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi: स्टीम बॉथ लेने से वजन कम होता है। एक रिसर्च से पता चला है कि स्टीम बाथ से वजन कम हो सकता है। दरअसल, यह बॉडी में हीट को बढ़ाकर वजन को घटाने का काम कर सकता है। स्टीम बाथ के दौरान होने वाले डिहाइड्रेशन के कारण इनके वजन में कमी आई। स्टीम बाथ से अतिरिक्त कैलोरी भी बर्न हो सकती है। ऐसे में माना जा सकता है कि यह वजन कम करने में कुछ हद तक सहायक है।
रक्त संचार में सुधार करने के लिए सॉना या स्टीम बाथ एक बेहतर तरीका माना जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर आॅफ बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) में मौजूद रिसर्च अनुसार स्टीम बाथ से शरीर के रक्त संचार में सुधार हो सकता है। माना जाता है कि जब स्टीम या सॉना बाथ लेने से शरीर की रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं, जिससे रक्तचाप कम हो जाता है।
जोड़ों की अकड़न को दूर करने में सॉना बाथ फायदेमंद है। कहते हैं कि स्टीम बाथ मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है। यह जोड़ों में गठिया के साथ ही रीढ़ की हड्डी में होने वाले दर्द, सूजन और अकड़न को कम करता है।
स्टीम बॉथ प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाता है। स्टीम बाथ या सॉना बाथ लेने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इससे मोनोसाइट्स (सफेद रक्त कोशिका) की गतिविधि बढ़ जाती है। ये कोशिकाएं बैक्टीरिया को खत्म करने और मृत ऊतकों को हटाती हैं। मोनोसाइट्स और न्यूट्रोफिल (सफेद रक्त कोशिका के प्रकार) हानिकारक सूक्ष्म जीवों से शरीर की रक्षा करने के साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार कर सकते हैं।
सॉना बाथ श्वसन प्रणाली के लिए लाभकारी है। एक रिसर्च अनुसार, सॉना बाथ हृदय, श्वसन और प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ाकर मूड और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायक होता है। सॉना बाथ से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। ऐसे में माना जाता है कि सॉना बाथ के फायदे श्वसन क्रिया में देखने को मिल सकते हैं।
त्वचा के लिए भी स्टीम बाथ लाभकारी होता है। स्टीम बाथ से त्वचा का सीबम कम होता है, जिससे ऑयली त्वचा की समस्या से छुटकारा मिलता है। एक अध्ययन मुताबिक, वार्म बाथ यानी स्टीम से त्वचा के पोर्स खुल जाते हैं, जिससे गहराई से त्वचा की सफाई होती है व त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक बैक्टीरिया भी बाहर निकल जाते हैं।
तनाव को दूर करने में स्टीम बॉथ बहुत फायदेमंद है। ये खास स्नान तनाव को दूर करने और बाथ बॉडी को रिलैक्स करने के साथ ही शरीर के आॅक्सीडेटिव तनाव को दूर करने में लाभकारी होता है। साथ ही इस स्नान से चिंता और अवसाद में कमी आती है, जिससे अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सॉना बाथ के फायदे तनाव में देखे जा सकते हैं।
रक्तचाप की समस्या को दूर करने के लिए स्टीम बाथ बेहतर विकल्प है। जब व्यक्ति स्टीम बाथ लेता है, तो गर्म के संपर्क में आने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और सॉना बाथ लेने के कुछ समय बाद ब्लड प्रेशर में कमी देखने को मिलती है। नियमित रूप से सॉना बाथ उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करता है।
मांसपेशियों के दर्द से राहत पाने के लिए सॉना बाथ आरामदेह होता है। जर्नल आॅफ क्लीनिकल मेडिसिन रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि वर्कआउट करने के बाद स्टीम बाथ या सॉना थेरेपी लेने से रक्त प्रवाह में बढ़ोत्तरी होती है, जिससे मांसपेशियों का दर्द कम होता है।