होम / कम फिजिकल एक्टिविटी के कारण बढ़ सकता है Stroke का रिस्क

कम फिजिकल एक्टिविटी के कारण बढ़ सकता है Stroke का रिस्क

Sameer Saini • LAST UPDATED : September 19, 2021, 5:53 am IST

Stroke: बेहतर हेल्थ के लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी है और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसे लेकर की गई नई स्टडी में सामने आया है कि 60 साल से कम उम्र के वे लोग जो लंबा समय बिना किसी शारीरिक श्रम के बिताते हैं, उनमें स्ट्रोक की आशंका अधिक हो सकती है। इनमें कंप्यूटर, टीवी आदि पर लंबा वक्त बिताने वाले मुख्य रूप से शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस स्टडी के नतीजों को स्ट्रोक नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिकी एडल्ट्स स्मार्टफोन, कंप्यूटर या टेलीविजन मीडिया पर दिन में औसतन साढ़े 10 घंटे का समय बिताते हैं। वहीं, स्टडी में यह भी सामने आया है कि 50 से 64 वर्ष के लोग ऐसे मीडिया को सबसे ज्यादा समय देते हैं।

इस तरह की गई स्टडी

इस स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने 1.43 लाख एडल्ट्स की ऐसी हेल्थ और लाइफस्टाइल का विश्लेषण किया, जिन्हें पहले कभी स्ट्रोक, हार्ट प्रॉब्लम या कैंसर की कोई शिकायत नहीं रही। इन लोगों ने साल 2000, 2003, 2005, 2007-2012 में कनाडाई सामुदायिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में भाग लिया था। रिसर्च करने वालों ने प्रतिभागियों का औसतन 9.4 वर्षो तक (31 दिसंबर, 2017 तक) अनुसरण किया और अस्पताल के रिकार्ड के साथ लिंकेज के माध्यम से स्ट्रोक की पहचान की।

क्या आया सामने

रिसर्चर्स ने स्टडी के दौरान प्रतिभागियों की एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया. इसमें उनके आराम से बैठने वाली एक्टिविटी प्रमुख थीं, जिनमें कंप्यूटर, पढ़ने और टीवी देखने पर बिताए गए घंटे शामिल थे। उन्होंने पाया कि जो लोग 8 घंटे से ज्यादा समय ऐसी एक्टिविटी में बिता रहे थें, जिनमें उनका फिजिकल लेबर वर्क न के बराबर था, ऐसे लोगों में स्ट्रोक का खतरा 7 गुना तक अधिक था। रिसर्चर्स ने स्टडी में यह भी देखा कि निष्क्रियता का समय बढ़ने से स्ट्रोक की आशंका बढ़ती है और समय कम होने से इसकी आशंका कम। इस स्टडी के निष्कर्ष ये भी बताते हैं कि 2010 में 65 या उससे अधिक आयु के लोगों में स्ट्रोक से होने वाली मृत्यु की संख्या में कमी आई है, जबकि दूसरी तरफ 35 से 64 आयुवर्ग के लोगों में स्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है। 2010 में जहां 35 से 64 आयुवर्ग में स्ट्रोक से मृत्यु का अनुपात प्रति लाख लोगों पर 14.7 था, वहीं 2016 में यह बढ़कर 15.4 हो गया।

Also Read : Cancer मरीज की इम्यूनिटी मजबूत होने से थोड़ी आसान हो जाती है सर्जरी

ये आ चुका है सामने

पहले की गई एक स्टडी में ये सामने आ चुका है कि जो लोग जितना अधिक समय बिना फिजिकल एक्टिविटी के बिताते हैं उनमें हार्ट संबंधी रोग और स्ट्रोक का खतरा उतना बढ़ जाता है। स्ट्रोक के 10 में से 9 मामलों में खतरा निष्क्रियता की वजह से बढ़ता है। इस स्टडी के राइटर और कनाडा में कैलगरी विश्वविद्यालय के कमिंग स्कूल आफ मेडिसिन में स्ट्रोक फेलो राएद ए. जुंडी के मुताबिक, अमेरिका और कनाडा के लोगों में इनएक्टिविटी (निष्क्रियता) का टाइम बढ़ रहा है। यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि फिजिकल एक्टिविटी में कमी से स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। हमारी स्टडी के निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।

Connect With Us:- Twitter Facebook

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.