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Symptoms Of High Blood Pressure हाई ब्लड प्रेशर, एक बहुत बड़ी समस्या

नेचुरोपैथ कौशल
Symptoms Of High Blood Pressure आजकल लोगों की जिंदगी का ढंग काफी बदल गया है। मशीनों पर बढ़ती निर्भरता ने बेशक हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इससे हमें कई बीमारियां भी मिली हैं।
उच्‍च रक्‍तचाप इनमें से एक है। यह बीमारी भले ही छोटी लगती हो, लेकिन हृदयाघात और अन्‍य हृदय रोग होने का यह प्रमुख कारण है। इसे खामोश हत्यारा या साइलेंट किलर भी कहा जाता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि उच्‍च रक्‍तचाप क्या है और इसे कैसे नियंत्रित रखा जाए

उच्च रक्तचाप (HIGH B.P.) क्या है (Symptoms Of High Blood Pressure)

हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप को खामोश हत्यारा कहा जाता है क्योंकि व्यक्ति को इस बात का पता ही नहीं चलता है कि उसे उच्च रक्तचाप या हाई बीपी की शिकायत है और जब कोई हादसा हो जाता है, तब मालूम पड़ता है कि इसकी वजह रक्तचाप का बढ़ना था।
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

उच्च रक्तचाप का रोग किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। यह बीमारी स्त्री पुरुष में विभेद नहीं करती। यदि यह रोग एक बार लग जाए, तो ताउम्र पीछा नहीं छोड़ता। इसलिए इसके प्रति सदैव सतर्क रहें। रक्त द्वारा धमनियों पर डाले गए दबाव को ब्लड प्रेशर या रक्तचाप कहते हैं। रक्त दाब की मात्रा हृदय की शक्ति व रक्तसंचार प्रणाली में रक्त की मात्रा और धमनियों की हालत पर निर्भर रहती है।

रक्तचाप दो प्रकार का होता है (Symptoms Of High Blood Pressure)

अधिकतम और न्यूनतम (Symptoms Of High Blood Pressure)

जब बायाँ निलय सिकुड़ता है, तब अधिकतम दबाव होता है। इसे प्रकुंचक दबाव कहते हैं। इसके तुरंत बाद न्यूनतम दबाव होता है, जिसे संप्रसारण दाब कहते हैं। आमतौर पर किसी भी स्वस्थ युवा का औसत प्रकुंचकदाब (सिस्टोलिक) 120 मिमी और संप्रसारण दाब (डायस्टोलिक) 80 मिमी होता है।

इन्हें 120/80 लिखा जाता है। यह औसत है, व्यवहार में इससे थोड़ा कम ज्यादा हो सकता है। लेकिन उच्च रक्तचाप का रोगी कोई व्यक्ति तभी माना जाता है, जबकि उसका प्रकुंचक दाब 140 मिमी और संप्रसारण दाब 90 मिमी या उससे अधिक हो।

हाई ब्‍लड प्रेशर के सामान्‍य लक्षण (Symptoms Of High Blood Pressure)

“हाई ब्लड प्रेशर में चक्कर आने लगते हैं, सिर घूमने लगता है।” रोगी का किसी काम में मन नहीं लगता।
उसमें शारीरिक काम करने की क्षमता नहीं रहती और रोगी अनिद्रा का शिकार रहता है। इस रोग का घरेलू उपचार भी संभव है, जिनके सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने से बिना दवाई लिए इस भयंकर बीमारी पर पूर्णत: नियंत्रण पाया जा सकता है।
जरूरत है संयमपूर्वक नियम पालन की।

हाई ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू उपाय (Symptoms Of High Blood Pressure)

(1). नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। इसलिए हाई बी पी वालों को नमक का प्रयोग कम कर देना चाहिए।

(2). लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू उपाय है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देता है। और कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।

(3). एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।

(Symptoms Of High Blood Pressure)

(4). जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के अंतराल पर पीते रहें।

(5). तरबूज के बीज की गिरी तथा खसखस अलग अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। इसका रोजाना सुबह एक चम्‍मच सेवन करें।

(6). बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें।

(7). पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं। 15 दिन में लाभ नजर आने लगेगा।

(Symptoms Of High Blood Pressure)

(8). हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभ करता है, इसे प्रतिदिन खाली पेट चबा-चबाकर खाएं।

(9). नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट चलें। रोजाना चलने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है।

(10). सौंफ, जीरा, शक्‍कर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोलकर सुबह-शाम पीते रहें।

(Symptoms Of High Blood Pressure)

(11). पालक और गाजर का रस मिलाकर एक गिलास रस सुबह-शाम पीयें, लाभ होगा।

(12). करेला और सहजन की फ़ली उच्च रक्त चाप-रोगी के लिये परम हितकारी हैं।

(13). गेहूं 4 किलो, जौं 4 किलो व चना 2.5 किलो लेकर बनाये गये आटे से बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खाएं, आटे से चोकर न निकालें लेकिन जौं जको खूब पीस लें ताकि आटा गूंथने में दिक्कत न हो। ऐसी रोटी खाने से सुबह बगैर पानी के प्रेशर आयेगा। एक महीना आजमा कर देख लो क्योंकि मेरा अनुभूत कॉम्बिनेशन है।

(Symptoms Of High Blood Pressure)

(14). ब्राउन चावल उपयोग में लाएं। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है।

(15). प्याज और लहसुन की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। इनसे धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है.!

(16). तीन ग्राम मेथीदाना पावडर सुबह-शाम पानी के साथ लें। इसे पंद्रह दिनों तक लेने से लाभ मालूम होता है।

(Symptoms Of High Blood Pressure)

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Mukta

Sub-Editor at India News, 7 years work experience in punjab kesari as a sub editor, I love my work and like to work honestly

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