इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
भारतीय लोग शादी करने से पहले कई तरह के रीति-रिवाज और परम्पराओं को मानते हैं, जिनमें कुंडली मिलना और गुण मिलना सबसे ज्यादा जरूरी है। वहीं कुंडली न मिलने पर अच्छा रिश्ता भी टूट जाता है। ऐसा देखा जाता है कि अधिकतर लोगों के कुंडली मिलने के बाद भी रिश्तों में दरार आ जाती है। अब शादी के लिए कुंडली मिलाना जरूरी है या नहीं ये तो लोगों की मानसिकता पर निर्भर करता है लेकिन शादी करने वाले युवक-युवती का शारीरिक रूप से फिट रहना बहुत ही जरूरी होता है ताकि शादी के बाद किसी तरह की कोई परेशानी न आए। ऐसे में दूल्हा-दुल्हन को शादी से पहले कुछ मेडिकल टेस्ट करा लेने चाहिए। इन टेस्ट को करवाने में हिचकिचाए नहीं। आइए जानते हैं कौन से हैं ये मेडिकल टेस्ट और इन्हें करना जरूरी क्यों है।
एचआईवी टेस्ट
यदि युवक या युवती में से किसी एक को भी एचआईवी संक्रमण हुआ तो दूसरे की जिंदगी पूरी तरह से खराब हो सकती है। इसलिए शादी से पहले एचआईवी टेस्ट जरूर करवा लें। इसमें आप की सजगता और समझदारी साबित होगी।
ओवरी का टेस्ट
कई बार शादी करने में देर हो जाती है और ऐसे में अगर आप एक महिला हैं और आपकी उम्र ज्यादा हो गई है तो अपनी ओवरी की जांच जरूर कराएं। उम्र अधिक होने के कारण युवतियों में अंडाणु बनने कम हो जाते हैं और बच्चे होने में परेशानी आ सकती है। इससे आपके मां बनने की क्षमता का भी पता चल जाएगा। इसलिए अगर बढ़ती उम्र में शादी कर रहे हैं तो ओवरी टेस्ट जरूर कराएं।
इनफर्टिलिटी टेस्ट
पुरुषों में स्पर्म की स्थिति कैसी है और स्पर्म काउंट कितना है ये जानना भी बहुत जरूरी होता है। इससे जुड़ी बातों के बारे में जानने के लिए शादी से पहले इनफर्टिलिटी टेस्ट जरूर कराएं। भविष्य में फैमिली प्लान करने और गर्भधारण करने में किसी तरह की दिक्कत न आए इसके लिए ये टेस्ट बहुत ही जरूरी है। ऐसे में आप समय से ट्रीटमेंट करवा सकते हैं।
जेनेटिक टेस्ट
शादी से पहले दोनों पार्टनर को अपना जेनेटिक टेस्ट जरूर कराना चाहिए। इस टेस्ट को करवाने से यह पता चल जाएगा कि आपके होने वाले पार्टनर को कोई अनुवांशिक बीमारी तो नहीं है। अगर टेस्ट में किसी बीमारी का पता चलता है तो समय रहते उसका इलाज करवाया जा सकता है।
एसटीडी टेस्ट
एसटीडी टेस्ट शादी करने से पहले दोनों पार्टनर को जरूर कराना चाहिए, जिससे दोनों में से कोई भी शादी के बाद सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का शिकार न हो। एसटीडी एक खतरनाक बीमारी है जिससे बचना बहुत ही जरूरी है।
ब्लड ग्रुप कम्पैटिबिलिटी टेस्ट
अगर दोनों पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप एक दूसरे के साथ कम्पैटिबल यानी अनुकूल या सुसंगत न हो तो प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए दोनों पार्टनर का आरएच फैक्टर सेम हो यह बेहद जरूरी है। ऐसे में शादी से पहले ब्लड ग्रुप का कम्पैटिबिलिटी टेस्ट जरूर करवाएं।
ब्लड डिसऑर्डर टेस्ट
महिलाओं को शादी से पहले ब्लड डिसऑर्डर टेस्ट जरूर कराना चाहिए। इससे यह पता चलता है कि आप ब्लड हीमोफीलिया या थैलेसीमिया के शिकार तो नहीं है। क्योंकि इसका सीधा असर बच्चे और शादीशुदा जीवन पर पड़ता है।