India News (इंडिया न्यूज), Pollution Prevention Tips in Ayurveda: दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। प्रदूषण के कारण लोग न केवल अपने घरों के बाहर बल्कि अंदर भी घुटन महसूस कर रहें हैं। इसके कारण लोगों को सांस की नली और गले में जलन की समस्या भी हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में हवा में बढ़ते प्रदूषण को कम करना किसी एक व्यक्ति के लिए मुश्किल है, लेकिन कुछ आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर आप अपने फेफड़ों और दिल को इस प्रदूषित हवा से जरूर बचा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया है। कुछ इलाकों में AQI गंभीर श्रेणी में है, जबकि कुछ इलाकों में यह बेहद खराब श्रेणी में है। इससे न केवल अस्थमा, सांस की समस्या, फेफड़े की बीमारी और दिल की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को परेशानी हो रही है, बल्कि सामान्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, अगर इतनी खराब हवा को शुद्ध करना संभव नहीं है तो लोगों को अपनी सुरक्षा और देखभाल के लिए आयुर्वेदिक उपाय अपनाने चाहिए, ताकि वो इस प्रदूषण में भी स्वस्थ रह सकें। ये आयुर्वेदिक उपाय घर के हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद हैं।
सुबह-शाम पिएं हर्बल चाय
प्रदूषण से निकलने वाले कार्बन और पार्टिकुलेट मैटर सांस के जरिए फेफड़ों में जमा हो जाते हैं, इसे निकालने के लिए आप घर पर ही तुलसी, दालचीनी, अदरक, सोंठ, काली मिर्च, पीपल, बड़ी इलायची को पीसकर उसमें थोड़ा गुड़ मिलाकर हर्बल चाय बना सकते हैं। इसे सुबह-शाम दोनों वक्त पिएं। इससे पूरा शरीर शुद्ध हो जाएगा।
किशमिश और काली मिर्च से गला होगा साफ
आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, अगर आप हर रोज थोड़ी किशमिश भूनकर उसके बीज निकालकर उसमें दो काली मिर्च डालकर सेंधा नमक में लपेटकर दाढ़ के नीचे रखकर चूसेंगे तो इससे न सिर्फ आपका गला साफ होगा, बल्कि फेफड़ों में जमा गंदगी भी साफ हो जाएगी।
मुलेठी चूसें
अगर आप कोई और उपाय नहीं कर पा रहे हैं तो सबसे आसान उपाय है कि आप मुलेठी खरीदकर अपने पास रख लें। दिन में कम से कम एक बार अपने मुंह में मुलेठी चूसते रहें। ऐसा करने से सांस की नली में जमा धुआं और गंदगी साफ हो जाती है।
हल्दी-गुड़ वाला दूध
इम्यूनिटी को मजबूत करने, प्रदूषण से होने वाली खांसी और अस्थमा के असर को कम करने के लिए रात को हल्दी वाला दूध उबालें, उसमें थोड़ा गुड़ मिलाएं और सोने से पहले पिएं। ऐसा हर दूसरे या तीसरे दिन किया जा सकता है।
ये भी कर सकते है उपाय
आयुर्वेदाचार्य के बताते है कि प्रदूषण कम से कम डेढ़ से दो महीने तक आपको परेशान करने वाला है। ऐसे में लोग घर से भाग नहीं सकते, इसलिए बेहतर होगा कि आयुर्वेद द्वारा बताए गए उपायों को करके इस खतरनाक माहौल में भी स्वस्थ रहें। आप चाहें तो सरसों का तेल और सेंधा नमक मिलाकर गर्म करके बच्चों और बड़ों की छाती पर भी लगा सकते हैं।
कमजोरी के साथ शरीर में नजर आ रहें हैं ये लक्षण, मतलब सड़ गया है शरीर का जरूरी अंग
आयुर्वेदाचार्य कहते हैं कि मोटे लोगों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, अस्थमा के मरीजों और बच्चों को इस मौसम में खुद को बचाकर रखना चाहिए। प्रदूषण के संपर्क में आने से इन लोगों को सांस संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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