India News (इंडिया न्यूज), Tooth Decay: दांतों की सड़न या डेंटल कैरीज़ (Dental Caries) भारत में सबसे आम समस्याओं में से एक है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, हर तीसरा भारतीय इस समस्या से ग्रसित है, लेकिन 70% लोग यह समझ ही नहीं पाते कि उनके दांत आखिर सड़ क्यों रहे हैं। आइए, इस समस्या के कारण, लक्षण, और बचाव के तरीकों को विस्तार से समझते हैं।
दांतों की सड़न का मुख्य कारण मुंह में मौजूद बैक्टीरिया और खराब स्वच्छता है। जब हम भोजन करते हैं, विशेष रूप से शर्करा और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ, तो बैक्टीरिया इन्हें तोड़कर एसिड का निर्माण करते हैं। यह एसिड दांतों के इनेमल को कमजोर कर देता है, जिससे धीरे-धीरे कैविटी बनने लगती है।
Tooth Decay: हर तीसरे भारतीय में पाई जाती है ये बीमारी 70% लोग जानते ही नहीं कि भला क्यों सड़ते है उनके दांत
दांतों की सड़न का पता लगाना कई बार मुश्किल हो सकता है, लेकिन निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है:
यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो दांतों की सड़न बढ़कर मसूड़ों की बीमारी और यहां तक कि दांत खोने का कारण भी बन सकती है।
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दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें। फ्लॉसिंग और माउथवॉश का इस्तेमाल भी जरूरी है।
फ्लोराइड दांतों को मजबूत बनाने और बैक्टीरिया से बचाने में मदद करता है।
मीठे और चिपचिपे खाद्य पदार्थ जैसे चॉकलेट, केक और कोल्ड ड्रिंक से बचें।
हर छह महीने में दंत चिकित्सक से परामर्श लें। शुरुआती चरण में समस्या का पता लगाकर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है।
सूखे मुंह से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और च्युइंग गम चबाएं।
इनका सेवन न केवल दांतों, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है।
दांतों की सड़न केवल मुंह तक सीमित नहीं रहती। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह समस्या गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे:
दांतों की सड़न एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य समस्या है। इसकी मुख्य वजह जागरूकता की कमी और सही आदतों का पालन न करना है। अगर हम अपने दांतों की देखभाल सही तरीके से करें और दंत चिकित्सक से नियमित परामर्श लें, तो न केवल अपने दांतों, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं।