India News (इंडिया न्यूज),Tooth in Eye Surgery: मेडिकल साइंस की तेजी से हो रही तरक्की कभी-कभी किसी चमत्कार से कम नहीं लगती। कनाडा से एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिस पर लोग यकीन नहीं कर पा रहे हैं। यह मामला कनाडा में एक दुर्लभ सर्जरी का है, जिससे एक अंधे व्यक्ति की आंखों की रोशनी वापस आने की उम्मीद है और इसके पीछे की तकनीक जानकर आप चौंक जाएंगे- उसकी आंख में एक दांत लगाया गया है।
क्या है यह अनोखी सर्जरी?
डॉक्टरों ने एक खास ऑपरेशन ‘टूथ इन आई’ तकनीक के तहत ब्रेंट चैपमैन की आंख में उनके ही दांत का इस्तेमाल किया है। यह ऑपरेशन दुनिया के कुछ हिस्सों में सालों से किया जाता रहा है, लेकिन कनाडा में यह अपनी तरह का पहला मामला है।
यह प्रक्रिया कैसे की जाती है?
इस अनोखे ऑपरेशन को ऑस्टियो-ओडोन्टो-केराटोप्रोस्थेसिस कहा जाता है, जिसमें मरीज के दांत को कृत्रिम कॉर्निया के सहारे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
यह कैसे संभव है?
न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने चैपमैन के एक दांत को निकाला, उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा और फिर उसमें ऑप्टिकल लेंस फिट किया। फिट किए गए दांत को तीन महीने तक उसके गाल के अंदर प्रत्यारोपित किया गया ताकि उस पर एक सहायक ऊतक बन सके। इस दौरान, आंख की सतह की ऊपरी परत को हटाकर गाल के अंदरूनी हिस्से से ली गई त्वचा से ढक दिया गया।
दूसरा चरण
तीन महीने बाद, दांत को गाल से निकालकर आंख में प्रत्यारोपित किया जाएगा। आंख की क्षतिग्रस्त आईरिस और लेंस को हटाकर दांत में फिट किए गए ऑप्टिकल लेंस को वहां प्रत्यारोपित किया जाएगा। आंख की त्वचा को फिर से सील कर दिया जाएगा, जिससे केवल एक छोटा सा छेद रह जाएगा ताकि मरीज देख सके।
केवल दांत ही क्यों?
डॉ. ग्रेग मोलोनी के अनुसार, दांत की संरचना इसे ऑप्टिकल लेंस सुरक्षित करने के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है। साथ ही, गाल की त्वचा और दांत एक दूसरे को आसानी से स्वीकार करते हैं, इसलिए शरीर इसे अस्वीकार नहीं करता। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अंतिम सर्जरी पूरी होने पर चैपमैन की दृष्टि वापस आएगी या नहीं। दावा किया जा रहा है कि यह चिकित्सा विज्ञान में एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है।