इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
सक्रिय मामलों में 10 वर्ष से नीचे के कोरोना पॉजिटिव बच्चों का हिस्सा इस साल मार्च से लगातार बढ़ा है। डेटा से पता चलता है कि कोरोना के कुल सक्रिय मामलों में 1-10 वर्षीय बच्चों का हिस्सा मार्च में 2.80 फीसद से लगातार बढ़कर अगस्त में 7.04 फीसद हो गया। मार्च से पहले जून 2020 से लेकर फरवरी 2021 तक के नौ महीनों में 1-10 वर्षीय बच्चे कुल सक्रिय मामलों के 2.72 फीसद से 3.59 फीसद की परिधि में थे। डेटा को नीति आयोग के सदस्य वीके पाल की अगुवाई वाली ईजी-1 की बैठक में पेश किया गया। बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय समेत कई मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हुए थे।
अगस्त महीने में बच्चों के बीच कोविड के मामले सबसे ज्यादा मिजोरम में कुल सक्रिय मामलों का 16.48 फीसद और सबसे कम दिल्ली में 2.25 फीसद था। आठ राज्यों- मिजोरम 16.48 फीसद, मेघालय 9.35 फीसद, मणिपुर 8.47 फीसद, केरल 8.62 फीसद, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 8.2 फीसद, सिक्किम 8.02 फीसद, दादर और नागर हवेली 7.69 फीस और अरुणाचल प्रदेश 7.38 फीसद- में राष्ट्रीय औसत 7.04 फीसद के मुकाबले कोविड के शिकार बच्चों का ज्यादा अनुपात दर्ज किया गया।
अगस्त के लिए राष्ट्रीय औसत से कम अनुपात दर्ज करने वाले राज्यों में पुडुचेरी 6.95 फीसद, गोवा 6.86 फीसद, नगालैंड 5.48 फीसद, असम 5.04 फीसद, कर्नाटक 4.59 फीसद, आंध्र प्रदेश 4.53 फीसद, ओडिशा 4.18 फीसद, महाराष्ट्र 4.08 फीसद, त्रिपुरा 3.54 फीसद और दिल्ली 2.25 फीसद थे. टेक्निकल ग्रुप ऑन पॉपुलेशन प्रोजेक्शन्स की रिपोर्ट में 10 साल की उम्र से नीचे के बच्चों को मार्च 2021 के अंत तक कुल आबादी का 17 फीसद अनुमान लगाया गया था।
अधिकार प्राप्त समूह का डेटा इस मामले में अहम हो जाता है क्योंकि कुछ विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को अनिवार्य मानते हैं और आशंका है कि अगली लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, बच्चों में कोरोना के बढ़ते मामलों का कोई खास कारण नहीं दिया जा रहा है, लेकिन एक सूत्र ने बताया कि ट्रेंड वायरस से ज्यादा संपर्क और अधिक टेस्टिंग के कारण हो सकता है। बच्चों का अस्पताल में भर्ती होने का अनुपात पहले से ज्यादा है। इसके दो मुख्य कारण है। पहला, ज्यादा जागरुकता और सतर्कता का आना और दूसरा, संवेदनशीलता अनुपात में बढ़ोतरी का होना। अगर सीरो सर्वे की रिपोर्ट को देखें, तो पाते हैं कि बच्चों के बीच पॉजिटिविटी दर 57-58 फीसद है। ये दर्शाता है कि बड़े पैमाने पर बच्चे महामारी का हिस्सा हैं और हमेशा रहे हैं।
कुल मिलाकर, बच्चों के बीच कोरोना के मामलों का अनुपात बढ़ोतरी को बताता है क्योंकि व्यस्कों की संवेदनशीलता कम हो गई है, इसलिए, ये आंशिक बदलाव है लेकिन बड़े पैमाने पर समझें, तो हम उसे नाटकीय नहीं कह सकते। विशेषज्ञों का कहना है कि 1-10 वर्ष के आयु समूह में कोविड के बढ़ते मामले चेतावनी नहीं बल्कि सावधानी बुनियाद है और हमें नजर रखने की जरूरत है।
India News (इंडिया न्यूज),Delhi Election Campaign Launch: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल…
Rahul Gandhi: जब राहुल गांधी से प्रेस वार्ता के दौरान हरियाणा हार को लेकर सवाल…
India News (इंडिया न्यूज), MP Sudama Prasad: बिहार के आरा से CPI (ML) सांसद सुदामा…
Mulayam Singh Birth Anniversary: पहलवानी में माहिर मुलायम सिंह यादव बहुत रणनीति के साथ राजनीति…
India News (इंडिया न्यूज),Delhi Pollution News: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का कहर थमने का नाम…
India News (इंडिया न्यूज), Kashi Vishwanath-Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले…