India News (इंडिया न्यूज़), Uric Acid Causes: यूरिक एसिड हमारे शरीर में बनने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद है। जब हमारे शरीर में प्यूरीन टूटते हैं, तो यूरिक एसिड बनता है। डॉक्टरों के अनुसार, वयस्क पुरुषों का यूरिक एसिड लेवल 3.5 से 7 mg/dL के बीच सामान्य माना जाता है, जबकि महिलाओं का यूरिक एसिड लेवल 2.5 से 6 mg/dL के बीच सामान्य माना जाता है। अगर यूरिक एसिड की मात्रा सामान्य से ज़्यादा हो जाए, तो यह शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। हालाँकि, यूरिक एसिड के कुछ ख़ास कारण हैं, जिन्हें अगर जान लिया जाए, तो इस समस्या से बचा जा सकता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के तीन बड़े कारण
अगर आपने इन तीन कारणों पर नियंत्रण कर लिया तो इस समस्या से जीवन भर के लिए बचा जा सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है हाई प्यूरीन फूड का सेवन। रेड मीट, ऑर्गन मीट, सीफूड और दूसरे नॉनवेजिटेरियन फूड शरीर को ज्यादा प्यूरीन देते हैं और इससे यूरिक एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है। दूसरा सबसे बड़ा कारण है लिवर और किडनी की समस्या। अगर किडनी और लिवर में कोई समस्या है तो यूरिक एसिड बढ़ सकता है। तीसरा कारण है शराब, बीयर, सोडा और दूसरे शुगरी
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
यूरिक एसिड की समस्या से बचने के लिए लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। नॉनवेज का सेवन जितना हो सके उतना कम करना चाहिए, ताकि यूरिक एसिड की समस्या न हो। हाई प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों से बचना बहुत जरूरी है। यूरिक एसिड की समस्या से बचने के लिए लोगों को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे यूरिक एसिड ट्रिगर हो सकता है। इसके अलावा इम्यून सप्रेसिंग ड्रग्स और कई अन्य दवाओं का सेवन भी हाई यूरिक एसिड का कारण बन सकता है। इससे बचने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
रेडिएशन थेरेपी से खतरा
यूरोलॉजिस्ट के अनुसार, कई सिंड्रोम और रेडिएशन थेरेपी से भी यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। अगर यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे किडनी में पथरी, किडनी फेलियर और गाउट जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए लोगों को समय-समय पर अपने यूरिक एसिड लेवल की जांच करानी चाहिए। अक्सर लोग यूरिक एसिड को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर समय रहते यूरिक एसिड को नियंत्रित कर लिया जाए, तो कुछ महीनों बाद दवाइयां बंद की जा सकती हैं और डाइट और एक्सरसाइज के जरिए इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
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