India News (इंडिया न्यूज़), Hum Mahilayen Shkati Award 2023,उत्तराखंड: आईटीवी नेटवर्क का हम महिलाएं शो का देहरादून संस्करण का आयोजन देहरादून के (Hum Mahilayen Dehardun Edition) होटल पैसिफिक में चल रहा है। ऐसे में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर खास बात चीत की गई इस दौरान डॉ. सुमिता प्रभाकर (DR shmita Prabhaka) और मदन एम भारद्वाज (Dr. Madan Mohit Bhardwaj) ने इस मुद्दे पर अपने राय रखी। ऐसे में इस मंच पर महिलाओं को हर महिने आने वाले पीरियड को लेकर खास बातचीत की गई।
पहाड़ों में महिलाओं का स्वस्थ चुनौती पूर्ण
इस दैरान स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमिता प्रभाकर ने पहाड़ों में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर चुनौतियों पर बात करते हुए कहा कि पहाड़ों में अब बहुत सारे फैसिलिटी देखने को मिल रहा है। महिलाओं के अंदर पीरियड शूरू होने से लेकर खत्म होने तक बहुत सारी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इनमें से बहुत सारे समस्याएं अवेयरनेस की कमी से होती है। जानकारी के अभाव में महिलाएं अपना ध्यान नहीं रख पाती हैं। फैसिलिटी की कमी होने से भी समस्या हो जाती है। उन्होंने कहा कि मैने 2001 में यहां काम करना शूरू किया था, तब हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है। हालांकि अभी भी बहुत सारे काम को करना बाकी है।
सेहत का ख्याल रखने में हमारे देश की महिलाएं अभी बहुत पीछे
महिला एक पूरे घर का ख्याल रखती हैं बस अपना ख्याल रखना भूला जाती है। या महिला को बीमार होने का हक नहीं होता जैसे सवाल पर डॉ. सुमिता ने कहा कि हां ये बात बिल्कुल सही है कि एक महिला पूरे घर का ख्याल रखती है लेकिन अपने दुख को इग्नोर कर देती है। ऐसे में ये कहा जा सकता है की सेहत का ख्याल रखने में हमारे देश की महिलाएं अभी बहुत पीछे हैं। आज महिलाएं नासा में काम कर रही हैं। पता नहीं कहां-कहां पहुंच गई है। लेकिन अपने स्वास्थ के प्रती लापारवाह हैं।
महिला सशक्तिकरण दो कारणों से अधुरा
महिलाओं को होने वाली समस्याओं पर मदन भारद्वाज ने कहा कि महिला सशक्तिकरण 2 कारणों से अधुरा है पहला कारण फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट है और दूसरा स्वास्थ का ठिक ना होना है। उन्होंने सैनिटरी पैड पर बात करते हुए कहा कि प्लास्टिक कई बीमारियों का कारण बनता है, कपास के सैनिटरी पैड का उपयोग एक महिला को संभावित बांझपन से भी बचा सकता है। बता दें डॉ. मदन मोहित भारद्वाज शेविंग्स के संस्थापक हैं । SheWings भारत का पहला माइनर-फ्रेंडली सैनिटरी पैड बनाता है।
पूरूषों के अनुसार बनाए गए हैं सरकारी दफतरों में टॉयलेट
एक सर्वे के बारे में बात करते हुए डॉ. मदन मोहित भारद्वाज ने कहा कि हमने महिला इंडियन पुलिस ऑफिसर का सर्वे किया तो उसमें ये बात पता चली कि जो ऑफिसर है वो जब बाहर काम पर जाती हैं तो वो पानी बहुत कम पिती हैं ताकी उन्हें पब्लिक टॉयलेट ना इस्तेमाल करना पड़े । पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करने से Urinary Tract Infection (UTI) होने के चांस होते हैं। सरकारी दफतरों में टॉयलेट बनाए गए हैं वो पूरूषों के अनुसार बनाए गए हैं।
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