India News (इंडिया न्यूज), Blood Pressure & Sugar Level: स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए ब्लड प्रेशर (BP) और ब्लड शुगर के स्तर का नियमित रूप से जांच करना बहुत महत्वपूर्ण है। ये दोनों महत्वपूर्ण पैरामीटर हैं, जिनके असंतुलन से हृदय रोग, डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, ये जानना जरूरी है कि आपकी उम्र के हिसाब से आपका ब्लड प्रेशर और शुगर का स्तर कितना होना चाहिए और कब आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर का सामान्य स्तर
ब्लड प्रेशर वह दबाव है जो रक्तवाहिनियों की दीवारों पर खून का संचार करते समय पड़ता है। इसे दो मापों में व्यक्त किया जाता है:
- सिस्टोलिक (ऊपरी संख्या): दिल के संकुचन के समय का दबाव।
- डायस्टोलिक (निचली संख्या): दिल के विश्राम के समय का दबाव।
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ब्लड प्रेशर को आमतौर पर mmHg में मापा जाता है, और निम्नलिखित सामान्य मापदंड होते हैं:
उम्र सामान्य ब्लड प्रेशर (mmHg)
- 20-30 वर्ष 120/80
- 31-40 वर्ष 122/82
- 41-50 वर्ष 124/84
- 51-60 वर्ष 126/86
- 60+ वर्ष 130/88
अगर आपका ब्लड प्रेशर इन सामान्य स्तरों से ऊपर या नीचे हो, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है। यदि BP लगातार 140/90 या इससे अधिक हो, तो यह हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) कहलाता है, जो हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है। वहीं, अगर BP 90/60 से कम हो, तो इसे हाइपोटेंशन (निम्न रक्तचाप) कहते हैं, जो चक्कर और कमजोरी का कारण बन सकता है।
शुगर लेवल का सामान्य स्तर
रक्त में शर्करा की मात्रा को मापना भी स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए यह जानना जरूरी है कि उम्र के हिसाब से आपका सामान्य ब्लड शुगर स्तर क्या होना चाहिए।
- परीक्षण प्रकार सामान्य स्तर (mg/dL)
- फास्टिंग (खाली पेट) 70-100
- भोजन के बाद (Postprandial) 140 से कम
- HbA1c (3 महीनों का औसत) 5.7% से कम
- फास्टिंग शुगर: यदि फास्टिंग शुगर 100-125 mg/dL के बीच है, तो यह प्री-डायबिटीज का संकेत है। 126 mg/dL से अधिक होने पर डायबिटीज का खतरा होता है।
- भोजन के बाद: यदि भोजन के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर 200 mg/dL से अधिक हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- HbA1c: यह परीक्षण आपके पिछले 3 महीनों के ब्लड शुगर का औसत बताता है। यदि यह 6.5% या अधिक है, तो यह डायबिटीज का संकेत है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
- हाइपरटेंशन (उच्च BP):
- हाइपरटेंशन (उच्च BP):
- लगातार सिरदर्द, चक्कर, सांस की कमी और छाती में दर्द महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- यदि BP लगातार 140/90 mmHg से अधिक रहे, तो इसे अनदेखा न करें।
हाइपोटेंशन (निम्न BP):
अत्यधिक कमजोरी, बेहोशी, और ठंडा पसीना आने पर डॉक्टर की सलाह लें।
अगर BP 90/60 से कम हो तो यह अलार्मिंग हो सकता है, खासकर जब अन्य लक्षण मौजूद हों।
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ब्लड शुगर लेवल:
यदि फास्टिंग शुगर 126 mg/dL या इससे अधिक और पोस्टप्रांडियल शुगर 200 mg/dL से अधिक हो, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकावट, और नजर धुंधलापन जैसे लक्षण महसूस हों, तो ये डायबिटीज का संकेत हो सकते हैं।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर BP और शुगर को नियंत्रित रखें
- स्वस्थ आहार: संतुलित आहार में अधिक फाइबर, फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें। शुगर और नमक की मात्रा नियंत्रित रखें।
- नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम या योग करने से ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
- तनाव से बचें: मानसिक तनाव भी BP और शुगर पर प्रभाव डाल सकता है, इसलिए ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।
- धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें: इनसे BP और शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकते हैं।