हर्निया के कारण:
- पेट के अंगों पर अत्यधिक दबाव: हर्निया अक्सर तब होता है जब पेट के अंगों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जैसे भारी सामान उठाने, जोर से खांसी, या पेट में अधिक गैस बनने से।
- मांसपेशियों की कमजोरी: यदि पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, तो हर्निया का जोखिम बढ़ सकता है। यह खासतौर पर वृद्ध लोगों में देखा जाता है।
- हर्निया का जन्म से होना: कभी-कभी हर्निया जन्मजात भी हो सकता है, जैसे नाभि के आसपास की मांसपेशियां पूरी तरह से विकसित न हो पाती हैं, जिससे आंत बाहर निकल सकती है।
- मोटापा: अत्यधिक वजन या मोटापा भी हर्निया के होने का एक कारण बन सकता है, क्योंकि इससे पेट पर दबाव बढ़ता है।
- गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं में भी हर्निया होने का खतरा अधिक हो सकता है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान पेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
हर्निया के लक्षण:
- गंभीर दर्द और असुविधा: हर्निया होने पर पेट के निचले हिस्से या पेट के ऊपर गांठ सी बन जाती है, जिससे दर्द और असुविधा होती है। यह दर्द बढ़ सकता है जब आप भारी सामान उठाते हैं, खांसते हैं या हंसी-मज़ाक करते हैं।
- पेट में सूजन या गांठ: हर्निया के कारण पेट की त्वचा में सूजन या गांठ दिखाई देती है, जो दबाने पर नरम हो सकती है। यह एक आम लक्षण है।
- पाचन संबंधी समस्याएं: हर्निया से पाचन क्रिया में भी असर पड़ सकता है, जिससे कब्ज, अपच, या गैस की समस्या हो सकती है।
- कमजोरी और थकान: हर्निया के लक्षणों के चलते व्यक्ति को थकान महसूस हो सकती है, और सामान्य शारीरिक गतिविधियां कठिन हो सकती हैं।
- आंत में गड़बड़ी: गंभीर मामलों में आंत बाहर निकलकर रुक सकती है, जिससे अत्यधिक दर्द और गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
हर्निया से निजात पाने के आसान घरेलू उपाय:
1. हल्दी और अदरक का सेवन:
हल्दी और अदरक दोनों ही सूजन को कम करने और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करते हैं।
- उपाय: एक कप गुनगुने पानी में आधी चम्मच हल्दी और अदरक का पेस्ट डालें और इसे दिन में एक या दो बार पिएं। यह आंतों के कार्य को सुधारने में मदद करेगा और सूजन को कम करेगा।
2. एप्सम सॉल्ट से गर्म पानी से सेंकाई:
एप्सम सॉल्ट (सेंधा नमक) में मैग्नीशियम होता है, जो मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है और सूजन को कम करता है।
- उपाय: एक टब में गुनगुने पानी में 1 कप एप्सम सॉल्ट डालें। उसमें बैठकर 15-20 मिनट तक आराम करें। यह उपाय मांसपेशियों को आराम देता है और हर्निया के दर्द में राहत दिलाता है।
3. सौंफ और अजवाइन का सेवन:
सौंफ और अजवाइन का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और गैस तथा कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
- उपाय: सौंफ और अजवाइन को बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में 2-3 बार चबाएं या पानी में उबालकर पिएं। इससे पाचन सही रहेगा और आंतों का संतुलन बनाए रहेगा।
4. पेट की मालिश:
पेट की हल्की मालिश से रक्त संचार बढ़ता है और मांसपेशियां आराम करती हैं।
- उपाय: सर्दी के मौसम में गर्म सरसों तेल से पेट की हल्की मालिश करें। मालिश करने से सूजन में आराम मिलता है और मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है।
5. आहार में बदलाव:
हर्निया की समस्या से बचने और इसे नियंत्रित करने के लिए आहार में सुधार करना जरूरी है।
- उपाय: अपने आहार में अधिक फाइबर, ताजे फल और सब्जियां शामिल करें, ताकि कब्ज की समस्या न हो। साथ ही, भारी भोजन और ज्यादा वसा वाले पदार्थों से बचें।
6. हल्का व्यायाम:
स्ट्रेचिंग और हल्का व्यायाम हर्निया के लक्षणों को बेहतर कर सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि व्यायाम करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
- उपाय: कुछ विशेष योगासन जैसे भुजंगासन, सेतु बांधासन आदि से आंतों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
7. वजन नियंत्रित रखें:
मोटापे के कारण पेट पर अधिक दबाव पड़ता है, जो हर्निया को बढ़ा सकता है। इसलिए वजन नियंत्रित रखना जरूरी है।
- उपाय: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से वजन को नियंत्रित रखें। इससे पेट पर दबाव कम होगा और हर्निया की समस्या नहीं बढ़ेगी।
हर्निया एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन अगर इसे सही समय पर इलाज और उपायों से नियंत्रित किया जाए तो स्थिति बेहतर हो सकती है। घरेलू उपायों के साथ-साथ, यदि लक्षण बढ़ें या गंभीर हो जाएं, तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। हर्निया के इलाज के लिए सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है, लेकिन शुरुआत में सही खानपान और घरेलू उपायों को अपनाना महत्वपूर्ण है।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।