Lipid Profile Test का इस्तेमाल लोगों में दिल संबंधी रोगों के जोखिम का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसमें ब्लड टेस्ट होते हैं, जिनकी मदद से आपके ब्लड में मौजूद 4 तरह के लिपिड लेवल को मापा जाता है।
Lipid के चार प्रकार हैं
टोटल कोलेस्ट्रॉल, हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल। लिपिड, फैट जैसा पदार्थ है, जो हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत है। यह ब्लड और ऊतकों में जमा होता है और हमारे शरीर की सही कार्य प्रणाली के लिए बेहद जरूरी होता है। वहीं हमारे शरीर में लिपिड का हाई लेवल स्ट्रोक, दिल का दौरा या कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ा सकता है।
लिपिड प्रोफाइल की जांच क्यों जरूरी है?
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट लिपिड या डिसलिपिडेमिया के असामान्य स्तरों से संबंधित संकेतों या लक्षणों का पता लगाने के लिए जरूरी है। इसके कुछ लक्षणों में शामिल है। हाइपरटेंशन, कमर के ऊपरी हिस्से में दर्द, बेचैनी महसूस करना, सांस लेने में दिक्कत, सीने में जलन, हाथों में दर्द, छाती पर दबाव या दर्द, मिचली। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट डाइट कंट्रोल प्रोग्राम, किसी ड्रग थेरेपी की क्षमता की जांच की सफलता का आकलन करने के लिए भी किया जाता है। इसके टेस्ट रिजल्ट बीमारी का पता लगाने के साथ-साथ कई मेडिकल कंडिशन की रोकथाम और निगरानी में मददगार होते हैं। चार तरह के लिपिड में लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल ज्यादा जोखिम वाला होता है और इससे कई चिकित्सकीय समस्याओं का रिस्क बढ़ सकता है।
Lipid Profile Test की प्रक्रिया
सटीक परिणाम पाने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से पहले 12-14 घंटे खाली पेट रहना अहम है। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से पहले कुछ खास सावधानियां जरूरी हैं। नशीले पेय पदार्थ पीने से बचें, आप पानी पी सकते हैं, लेकिन चाय या कॉफी न लें, ज्यादा वसा वाले भोजन से परहेज करें, ज्यादा सख्त व्यायाम न करें। लिपिड प्रोफाइड टेस्ट के लिए नस से सुई के जरिए ब्लड निकालकर टेस्ट किया जाता है। इस प्रक्रिया में कुछ ही मिनट लगते हैं और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से कोई जटिलता नहीं जुड़ी हुई है। अगर आपके लिपिड प्रोफाइल टेस्ट का परिणाम सामान्य रेंज से अलग आता है, तो आपको स्ट्रोक, दिल की बीमारियां होने और अन्य समस्याओं का ज्यादा जोखिम रहता है। अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल सामान्य नहीं है, तो आपको ब्लड ग्लूकोज टेस्ट या थायरॉयड टेस्ट कराना पड़ सकता है। 20-25 साल की उम्र से लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। अगर कोई कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवाइयां ले रहा है, डायबिटीज, हार्ट डिजीज है या स्ट्रोक से जूझ चुका है, तो ऐसे लोगों को हर साल लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराने की जरूरत होती है। अगर परिवार में दिल की बीमारियों, डायबिटीज या मोटापे की हिस्ट्री है, तो ऐसे आपको समय-समय पर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराने की जरूरत होगी।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।
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