India News (इंडिया न्यूज़), World Mental Health Day 2023, दिल्ली: हर साल 10 अक्टूबर के दिन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस यानी कि वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे बनाया जाता है। इसके अंदर मेंटल हेल्थ के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है। वहीं वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल लेवल पर 8 में से 1 शख्स मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हो चुका है। वहीं आज के दिन पूरी दुनिया में मेंटल हेल्थ की जरूरत उसकी विशेषताओं को लेकर जागरूकता फैलाई जाती।

क्या है मेंटल हेल्थ का मतलब

आज के बिजी शेड्यूल के वजह से लोगों को कई तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें स्ट्रास और डिप्रेशन सबसे ऊपर आते हैं। आज के समय में लोगों के लिए यह आम हो गया है क्योंकि लोग काम का प्रेशर, फाइनेंशियल दिक्कतों का प्रेशर और रिलेशनशिप को लेकर काफी ज्यादा प्रेशर अपने दिमाग पर लेने लगे हैं।

क्या डिप्रेशन होती है बीमारी

डिप्रेशन के बारे में बताएं तो डिप्रेशन एक मेंटल डिसऑर्डर है। जिसके कारण व्यक्ति खुद को उदास, निराशा और मूल्यहीन महसूस करने लग जाता है। डिप्रेशन के कारण किसी भी व्यक्ति के दैनिक जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। आज के समय में डिप्रेशन युवाओं के बीच काफी हद तक बढ़ गया है और इसके संकेत के बारे में हमें जानकारी होनी चाहिए।

क्या होते हैं डिप्रेशन की शुरुआती संकेत।

डिप्रेशन की शुरुआती संकेतों के बारे में बात करें तो यह कुछ इस तरह के होते हैं। जिससे हम इंसान को उसका पता भी नहीं चलता।

  1. लगातार दुखी और अकेलेपन की भावना– यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है, तो वह हफ्ते या महीने तक काफी दुखी और अकेलापन को महसूस करता है।
  2. किसी काम में रुचि नहीं– डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को किसी भी काम में रुचि नहीं आती है। वह किसी भी प्रकार की एक्टिविटी को करने में आनंद नहीं लेता।
  3. भूख और वजन बढ़ाना– डिप्रेशन में व्यक्ति को हद से ज्यादा भूख लगती है। इसके कारण उसका वजन भी एक बार में बढ़ जाता है।
  4. नींद में आती है खलल– बता दे की डिप्रेशन की शिकार व्यक्ति को नींद की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। जिसमें बिल्कुल नींद आना और नींद में बाधा आना शामिल है।
  5. थकान और एनर्जी कमी– पूरी रात ना सोने की वजह से पूरे दिन थकान ऊर्जा की कमी जैसे लक्षणों को भी देखा जा सकता है।
  6. ध्यान न लगना– डिप्रेशन के कारण ध्यान केंद्रित करने में भी परेशानी होती है। वही निर्णय लेने और चीजों को समझने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
  7. निराशाता की भावनाएं- डिप्रेशन के व्यक्ति अक्सर नकारात्मक विचारों को अपने मन में लाते है, बेकार की भविष्य के बारे में निराशाता की भावना का अनुभव करते हैं।
  8. जरूरत से ज्यादा गुस्सा- डिप्रेशन में चिड़चिड़ापन और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना आम बात है।
  9. सामाजिक मेलजोल कम होना- इसमें व्यक्ति खुद को दोस्तों, रिश्तेदारों और सोशल एक्टिविटीज से पूरी तरह से दूर कर लेते हैं।
  10. मौत और आत्महत्या के विचार- डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति अक्सर लगातार मौत और आत्महत्या के ख्याल अपने मन में लाता हैं।

 

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