Superbugs : वैज्ञानिकों ने ऐसा तरीका खोज निकाला है, जिससे एंटीबायोटिक दवाइयां प्रतिरोधी बैक्टीरिया पर ज्यादा असरदार हो जाएंगी। एंटीबायोटिक्स का प्रतिरोध करने वाले बैक्टीरिया को सुपरबग्स भी कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सुपरबग्स का एंटीबायोटिक प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है और यह वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़े 10 बड़े खतरों में शुमार है। नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस अध्ययन से एंटीबायोटिक के असर को बढ़ाने में मदद मिलेगा।
जीवाणु संक्रमण यानी बैक्टीरियल इंफेक्शन के दौरान शरीर कीमोअट्रेक्टेंट नामक मॉलिक्यूल्स के जरिये संक्रमण वाले स्थान पर न्यूट्रोफिल पैदा करता है। न्यूट्रोफिल इम्यून सेल्स यानी प्रतिरक्षा कोशिकाएं हैं, जो नुकसानदायक बैक्टीरिया को खत्म करने में सक्षम हैं। शोधकर्ताओं ने एक कीमोअट्रेक्टेंट को एक एंटीबायोटिक में शामिल किया, जिससे उसकी प्रतिरक्षी कोशिकाओं को पैदा करने और नुकसानदेह बैक्टीरिया को खत्म करने की क्षमता में वृद्धि हुई। (Superbugs)
ईएमबीएल ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख रिसर्चर डॉ जेनिफर पायने कहती हैं कि जब हम यह पता लगाते हैं कि हमारा इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया का मुकाबला कैसे करता है तो दो अहम पहलुओं पर गौर करते हैं। पहला, बैक्टीरिया को फंसाकर उसे मार डालने की हमारी क्षमता और दूसरा कीमोअट्रेक्टेंट व व्हाइट ब्लड सेल्स की प्रतिक्रियाएं जो संक्रमण को खत्म करने के लिए शरीर के इम्यून सिस्टम को एक्टिव करती हैं।
रिसर्चर्स ने फॉर्मिल पेप्टाइड के रूप में चर्चित एक कीमोअट्रेक्टेंट को वैनकोमाइसिन से जोड़ा। इसके बाद गोल्डन स्टैफ संक्रमण नामक एक खतरनाक एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया पर स्टडी की। वैनकोमाइसिन सामान्य प्रयोग में आने वाली एक एंटीबायोटिक दवा है, जो बैक्टीरिया की सतह को बांधती है। डॉ. पायने ने कहा, ‘हम दोहरा प्रभाव छोड़ने वाले कीमोअट्रेक्टेंट हाइब्रीड्स पर काम कर रहे थे, जो न्यूट्रोफिल्स की मात्रा को बेहतर करते हैं और बैक्टीरिया को खत्म करने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
मोनाश बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट स्थित एक ईएमबीएल आस्ट्रेलिया ग्रुप लीडर व एसोसिएट प्रोफेसर मैक्स क्राइल ने कहा कि रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाली एंटीबायोटिक के चूहों पर प्रयोग के दौरान हमें पता चला कि इसका पांचवां हिस्सा भी दूसरी एंटीबायोटिक्स से ज्यादा प्रभावी है।
Also Read : Cataract Kya Hai : मोतियाबिंद का हार्ट से कनेक्शन, सर्जरी कराने वालों में रिस्क ज्यादा
Also Read : Causes of Heart Attack क्या है नौजवानों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों की वजह