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Benefits Of Matcha Water : जानिए, मटका का पानी शरीर के लिए कितना लाभदायक है

Suman Tiwari • LAST UPDATED : March 30, 2022, 4:11 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Benefits Of Matcha Water : आज के समय में हर घर में फ्रिज है लेकिन इसके बावजूद लोग गर्मियों का सीजन आते ही मिट्टी का घड़ा या सुराही का पानी पीना ज्यादा पसंद करते हैं। क्योंकि घड़े का पानी जितना ठंडा रहता है उतना ही ये शरीर के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। वहीं घड़े का पानी शरीर के पीएच लेवल को बैलेंस करता है और इसका पानी पीने से मिट्टी के नेचुरल मिनरल बॉडी में पहुंचते हैं। तो आइए जानते हैं कि मटके का पानी शरीर के लिए कितना फायदेमंद है।

घड़े में पानी ठंडा कैसे होता? (Benefits Of Matcha Water)

घड़े में पानी ठंडा होने के पीछे वही प्रक्रिया है जो त्वचा से पसीना सूखने की है। उदाहरण के तौर पर समझिए, जब गर्मी में आपको पसीना आता है तो पसीना बह जाने के बाद स्किन ठंडी महसूस होती है। इसी प्रकार घड़े में पानी भरा होने पर उसके सूक्ष्म छिद्रों से हवा आर-पार होती रहती है जिससे पानी ठंडा रहता है। जितना ज्यादा हवा घड़े से आर-पार होगी, उतना ही ज्यादा पानी भी ठंडा होगा।

घड़े का पानी पीना क्यों जरूरी? (Benefits Of Matcha Water)

  • कहते हैं कि मटके का पानी पीने से कफ और कोल्ड जैसी समस्या नहीं होती। वहीं फ्रिज का पानी पीने से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और घड़े का पानी शरीर को ठीक रखता है। घड़े का पानी पीने से बार-बार प्यास नहीं लगती। यह पानी शरीर में आक्सीजन की मात्रा ठीक रखता है। कुम्हार जब मिट्टी को पकाकर घड़ा तैयार करता है तो उस घड़े का पानी पीने से शरीर से जहरीले पदार्थ भी बाहर निकलते हैं।
  • वहीं घड़े का पानी पीने से शरीर में क्षारीयता बढ़ती है जिससे मुंह का स्वाद व गंध ठीक होती है। वह पानी जब पेट में जाता है तो पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करता है। एल्कलाइन वाटर हार्मोन को संतुलित करता है। बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करता है। वजन को बढ़ने नहीं देता। शरीर के जहरीले तत्त्व को बाहर निकालता है। त्वचा को अच्छा बना देता है।

कब नहीं पीना चाहिए घड़े का पानी?

घड़े का पानी किसी भी मौसम में पिया जा सकता है। इस पानी को पीने से कोई नुकसान नहीं होता। जब फ्रिज इस दुनिया में नहीं था तब भी इंसान घड़े का पानी ही पीता था और उसे कोई नुकसान नहीं होता था।

क्या घड़ा बदलना चाहिए?

मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की सीमा तय होती है। पानी के घड़े को तीन महीने से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि तीन महीने में मिट्टी में मौजूद मिनरल खत्म हो जाते हैं। तीन महीने बाद नया घड़ा इस्तेमाल लाना चाहिए।

घड़ा खरीदते समय किन बातों का ख्याल रखें?

घड़ा खरीदते समय आप पीएच लेवल सॉल्यूशन से पीएच लेवल जांच लें और देखें कि उसके पानी का पीएच सात से ऊपर हो। उसी मटके का पानी पीना फायदेमंद होता है। उस पीएच लेवल से घड़े की मिट्टी की गुणवत्ता का भी पता लग जाता है। घड़ा साल दो साल पुराना नहीं होना चाहिए। घड़ा चिकना नहीं होना चाहिए। उस पर किसी प्रकार की पॉलिश नहीं होनी चाहिए। वह खुरदुरा होना चाहिए।

पीएच क्या है?  (Benefits Of Matcha Water)

पीएच का मतलब -पावर आफ हाइड्रोजन यानी हाइड्रोजन की शक्ति। हाइड्रोजन के अणु किसी भी वस्तु में उसकी अम्लीय या क्षारीय प्रवृत्ति को तय करते हैं। पीएच को इस तरह समझिए, जैसे कि अगर घोल या उत्पाद में पीएच 1 या 2 है तो वो अम्लीय है और अगर पीएच 13 या 14 है तो वो क्षारीय है। अगर पीएच 7 है तो वह न्यूट्रल है।

क्या पीएच लेवल के जरिए पानी की गुणवत्ता मापी जाती?

  • एक रिसर्च अनुसार हर व्यक्ति के शरीर में अलग-अलग द्रव्य (लिक्विड) पाए जाते हैं और उन सभी का पीएच अलग होता है। जिस व्यक्ति का पीएच लेवल सात है वह न एसिडिक है और न एल्कलाइन यानी वह न्यूट्रल है। जिस व्यक्ति का पीएच 7 से नीचे की ओर आता है तो उस व्यक्ति का शरीर एसिडिक है।
  • पीएच लेवल 7 से 14 की तरफ जाने का मतलब है कि शरीर में एल्कलाइन (क्षारीयता) बढ़ती है। पीएच 7-14 का होने का मतलब है कि आपको भविष्य गंभीर बीमारियों का खतरा न के बराबर होगा। घड़ा एल्कलाइन फॉर्मेट में होता है यानी क्षारीय प्रवृति का होता है। इसलिए मिट्टी के घड़े में पानी पीने से शरीर की अम्लता घटती और क्षारीयता बढ़ती है। कुल मिलाकर कहा जाए तो घड़े का पानी शरीर के लिए सबसे फायदेमंद माना जाता है।

Benefits Of Matcha Water

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