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Disadvantages of Momos: सावधान! बेहद टेस्टी लगने वाला मोमोज आपके साथ आपके बच्चों की भी जिंदगी कर सकता खराब

Sunita • LAST UPDATED : December 10, 2021, 5:01 pm IST

नेचुरोपैथ कौशल

Disadvantages of Momos: मोमोज आपके बच्चों की ही नहीं बल्कि आपकी भी जिंदगी बरबाद कर देगा। जरा समझिये आधुनिकता की जानलेवा उड़ान कदाचित इस जानलेवा बर्बादी के जिम्मेदार हो न हो, अभिवावक हैं। बहाने तो कुछ भी बना सकते हैं।

आजकल गली, मोहल्लो, नुक्कड़ मार्केट पर सिल्वर के स्टीमर में उबलते हुए मोमोज, तीखी लाल मिर्च की चटनी के साथ खाते हुए युवा किशोर (टीनएजर्स) आपको भारी संख्या में दिख जायेंगे। अक्सर शाम के समय ये मासूम युवा किशोर नहीं जानते कि वह मोमोज खा कर, अपने स्वास्थ्य चरित्र (हेल्थ करेक्टर) को किस हद तक बर्बाद कर रहे हैं।
क्योंकि ये मोमोज़ मैदा के बने हुए होते हैं और मैदा गेहूं का ही एक उत्पाद हैं।

Disadvantages of Momos: सावधान! बेहद टेस्टी लगने वाला मोमोज आपके साथ आपके बच्चों की भी जिंदगी कर सकता खराब

जिसमें से प्रोटीन व फाइबर निकाल लिया जाताहैं। मृत स्टार्च ही शेष बचता है। जी हांउसे और अधिक चमकीला बनाने के लिए बेंजोयल पराक्साइड मिला दिया जाता है जो एक रासायनिक बलीचर है। जी हां वही ब्लीचर्स जिससे चेहरे की सफाई की जाती है। यह ब्लीचर शरीर में जाकर किडनी को नुकसान पहुंचाता है। मैदे के प्रोटीन रहित होने से इसकी प्रकृति एसिडिक हो जाती है। यह शरीर में जाकर हड्डियों के कैल्शियम को सोख लेता है।

तीखी लाल मिर्च की चटनी उत्तेजक होती है जिससे नपुंसकता जैसी महा भयंकर बीमारियां देश के किशोर व युवा को खोखला करती जा रही हैं। इस में ऐसे केमिकलों को मिलाया जाता है जो बच्चों के दिमाग में चले जाते हैं। जिससे बच्चों का मन बार बार खाने को करता हैं। यह केमिकल बच्चियों में बांझपन और लड़कों को नपुंसकता पैदा करते हैं। जिसकी खाने वालों को भनक भी नहीं लगती। यह खाना आपकी आंतों में जाकर चिपक जाता है।

आंतों का सत्यानाश हो जाता है जिससे बच्चों में नया खून बनना बंद हो जाता है और शरीर का विकास रूक जाता है। जीभ के स्वाद में आकर अपने स्वास्थ्य को युवा किशोर (टीनएजर्स) खराब कर रहे हैं। ये जानलेवा मोमोज़ पूर्वी एशियाई देशों चीन तिब्बत का खाना है क्योंकि वहां की जलवायु के अनुकूल ये होता है। ये भारत की गर्म जलवायु के अनुकूल नहीं है।

क्षमा करें किंतु सच में इस बर्बादी के जिम्मेदार कोई नहीं बल्कि इन बच्चों के अभिवावक जिम्मेदार हैं। क्या आप अपने इन बच्चों के जीवन को बचाना चाहते हैं तो फिर आज ही शुभ संकल्प लें कि इस स्वास्थ्य नाशक रोग प्रधान आहार को कभी नहीं खाएंगे और ना ही किसी को खाने देंगे। आगे जिम्मेदार आप ही होंगे क्योंकि औलादें तो आपकी ही होंगी।

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