Health Tips एक नई स्टडी में पता चला है कि जो लोग बहुत ज्यादा चिंता करते हैं या तनाव लेते हैं, उन्हें सांस लेने में दिक्कत का भ्रम होता है। इससे उनका तनाव और अधिक बढ़ जाता है। ये रिसर्च न्यूजीलैंड की ओटागो विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने की है।
यहां के रूदरफोर्ड डिस्कवरी रीसर्च की फेलो डॉ. ओलीविया हैरिसन ने कहा कि दुनिया भर में तनाव से कमोबेश सभी प्रभावित होते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। यह स्थिति और भी अधिक बढ़ गई है क्योंकि लोग मौजूदा समय में वैश्विक महामारी के दौर से गुजर रहे हैं। इस रिसर्च पेपर को न्यूरान नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
इस शोध में तनाव के लक्षणों को बताते हुए कहा गया है कि ऐसा होने पर शरीर में हार्ट रेट बढ़ जाता है। हथेलियां पसीने से तर-बतर हो जाती हैं। सांस तेज चलने लगती है और लगातार बुरे ख्याल आने लगते हैं। इससे तनाव और भी अधिक बढ़ जाता है।
डा. हैरिसन ने बताया कि ज्यूरिख विश्वविद्यालय में कम तनाव वाले करीब 30 हेल्दी लोगों पर यह रिसर्च की गई है। इसके अलावा, ज्यादा तनाव वाले 30 अन्य लोगों पर भी तुलनात्मक अध्ययन किया गया। प्रतिभागियों से प्रश्नावली भरवाई गई और दो तरह से सांस लेने को कहा गया। सांस लेने के एक टास्क के दौरान उनकी ब्रेन इमेजिंग की गई। साथ में ब्लड में आक्सीजन और बहाव पर नजर रखी गई।
स्टडी में पाया गया कि ज्यादा तनाव वाले लोगों को लगता है कि उनकी सांस ठीक नहीं चल रही, जबकि कम तनाव वाले लोगों को ऐसा कुछ महसूस नहीं होता है। ज्यादा तनावग्रस्त लोगों के ब्रेन की एक्टिविटी भी बढ़ जाती है।
हालांकि, स्टडी से इस बात का जवाब नहीं मिला कि चिंता का प्रभावी ढंग से इलाज कैसे किया जाए लेकिन इससे यह पता चला है कि ज्यादा चिंता करने से शरीर कैसे प्रभावित होता है।
(Health Tips)
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