India News Himanchal (इंडिया न्यूज़) Himachal Crime: राज्य में पिछले करीब डेढ़ साल में 11 लोगों की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई है जबकि लगभग 2947 मामले दर्ज किए गए हैं। सरकार ने विधानसभा में यह जानकारी दी है। राज्य में एक नशा मुक्ति केंद्र चल रहा है और सीमा क्षेत्र में कोई भी नशा मुक्ति केंद्र नहीं है। नशे की रोकथाम के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है।

करोड़ो की संपत्ति हुई जब्त

हिमाचल में पिछले ड़ेढ साल में नशे की ओवर डोज से 11 लोगों की मौत हुई है। इसी अवधि के बीच नशे के 2947 मामले दर्ज हुए हैं। विधायक दीपराज व मलेंद्र राजन द्वारा पूछे सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने सदन में यह जानकारी दी। राज्य सरकार ने बताया कि इस दौरान 7 मामलों में 14 लोगों से 11 करोड़, 05 लाख 79 हजार 319 रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। प्रदेश में 1 नशा मुक्ति केंद्र चलाया जा रहा है। वहीं, सीमा क्षेत्रों में कोई भी नशा मुक्ति केंद्र नहीं चल रहा है। राज्य सरकार ने बताया कि नशे की रोकथाम के लिए प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 के प्रावधानों को कठोरता से लागू किया जा रहा है।

हर थाना में तैयार की गयी अलग रजिस्टर

हिमाचल सरकार द्वारा एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स गठन किया गया है। एएनटीएफ का नेतृत्व सीआईडी डीजी करते हैं। तो वहीं, हिमाचल पुलिस स्वापक औषधि पदार्थ अधिनियम 1985 के अभियोगों में संलिप्त अपराधियों की निगरानी के लिए प्रत्येक पुलिस थाना में एक अलग रजिस्टर भी तैयार किया गया है। जिसमे मादक पदार्थो की तस्करी के अपराधियों का पूर्ण विवरण रखा जाता है।

1908 में ही जारी हुआ टोल फ्री नंबर

तो वहीं, जो भी अपराधी जेलों से सजा काटकर बाहर आते हैं उसपर भी निगरानी रखी जाती है। नशा तस्करों के द्वारा तस्करी से अर्जित अवैध सम्पतियों को स्वापक औषधि पदार्थ अधिनियम 1985 के प्रावधानों के तहत जब्त किया जा रहा है। नशा तस्करों की सूचना देने के लिए टोल फ्री नंबर 1908 को शुरू किया है जिस पर कोई भी व्यक्ति अवैध तस्करी की सूचना दे सकता है।

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