युवाओं को नशे की लत ने बनाया चोर, कारनामों से हैरत में अभिभावक
India News (इंडिया न्यूज),Himachal Pradesh: शिमला में चिट्टा तस्करी का सिडिंकेट इतने बड़े स्तर पर काम कर रहा है कि युवाओं को इस नशे के चंगुल से बचाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वे अपने बच्चों की हर गतिविधियों पर नजर रखें। ऐसा नहीं करने पर […]
India News (इंडिया न्यूज),Himachal Pradesh: शिमला में चिट्टा तस्करी का सिडिंकेट इतने बड़े स्तर पर काम कर रहा है कि युवाओं को इस नशे के चंगुल से बचाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वे अपने बच्चों की हर गतिविधियों पर नजर रखें। ऐसा नहीं करने पर आपका लाडला सिंथेटिक ड्रग की लत में आकर सलाखों के पीछे पहुंच सकता है। ऐसी ही मामला 5 राज्यों में चिट्टा तस्करी का नेटवर्क चलाने वाले संदीप शाह गिरोह के मामले में भी सामने आया है। पुलिस ने सरगना की गिरफ्तारी के बाद नशा तस्करी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी की तो इसमें कई युवाओं के परिजनों के होश फाख्ता हो गए।
अधिकतर युवाओं की संलिप्तता भी सामने आ रही
आपको बता दें कि वे सूचना मिलते ही फौरन पुलिस स्टेशन पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने जब उनकी मौजूदगी में युवाओं से पूछताछ की तो उन्होंने माना कि वे चिट्टे का सेवन करते हैं और नशा तस्करी के अवैध कारोबार से भी जुड़े हैं। बच्चों की यह बात सुनकर माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। चिंता की बात यह है कि चिट्टा तस्करी के अधिकतर मामलों में पकड़े जाने वाले युवा ही हैं। अधिकतर युवाओं की उम्र 20 से 35 साल के बीच है। इनमें से कई युवा शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। शिमला पुलिस ने इस तरह के मामलों को देखते हुए अभिभावकों को चेताया है कि अपने बच्चों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें। पुलिस अभी तक इस मामले में सरगना समेत 26 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। अधिकतर युवाओं की संलिप्तता भी सामने आ रही है।
अहम भूमिका निभा रहे हैं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिला पुलिस के चिट्टा तस्करी के मामलों की जांच में सामने आया है कि नशा तस्कर पहले युवाओं को नशे की लत में फंसाते हैं। चिट्टे का नशा महंगा है। युवाओं को लत लगने के बाद इसकी पूर्ति करना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से ऐसे युवा अपने दोस्तों और रिश्तेदारी के युवाओं को नशे की लत डालते हैं ताकि उनके जरिये नशा खरीद सकें। नशे के दलदल में फंसने के बाद युवाओं को यह गिरोह नशे की पैडलिंग करने पर मजबूर कर देते हैं। इसी तरह से जिले के युवा नशा तस्करी के चंगुल में फंस रहे हैं। वहीं जगातखाना पंचायत प्रधान सतीश ठाकुर 4 साल से चिट्टे के मामलों में संलिप्त लोगों को पकड़वाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।