India News (इंडिया न्यूज), Fagli Festival 2025: हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन दिनों बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है, लेकिन कठिन परिस्थितियों के बावजूद कुल्लू जिले के ऐतिहासिक मलाणा गांव में फागली उत्सव पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान लोगों की आस्था और परंपरा के प्रति अटूट श्रद्धा देखने को मिली।
मलाणा गांव में फागली उत्सव के अवसर पर ग्रामीणों ने देवता जमदग्नि ऋषि की विधिवत पूजा-अर्चना की। भारी बर्फबारी के बावजूद घाटी के अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालु मलाणा पहुंचे और देव परंपरा में भाग लिया। माता रेणुका के मंदिर प्रांगण में महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे पूरे गांव में उल्लास का माहौल बना रहा।
Fagli Festival 2025
फागली उत्सव के दौरान देवता से जुड़े प्राचीन धार्मिक चिन्हों को भी मंदिर से बाहर निकाला गया, जिनके दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। यह उत्सव विश्व के प्राचीन लोकतंत्र माने जाने वाले मलाणा गांव की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है।
फागली उत्सव की एक विशेष मान्यता सम्राट अकबर से भी जुड़ी हुई है। मलाणा पंचायत के उपप्रधान रामजी ठाकुर और पूर्व प्रधान भागी राम के अनुसार, मुगल काल में दो साधु दिल्ली पहुंचे, जहां सम्राट अकबर ने उनकी झोली में रखी दक्षिणा छीन ली। किंवदंती के अनुसार, इसके बाद जमदग्नि ऋषि अकबर के स्वप्न में आए और उसे अपनी गलती सुधारने का निर्देश दिया।
सम्राट अकबर ने इसे एक दैवीय संकेत मानते हुए सोने की एक मूर्ति और सोने-चांदी के घोड़े बनवाकर मलाणा भेजे। तब से लेकर आज तक फागली उत्सव में इन चिन्हों को मंदिर से बाहर निकाला जाता है और श्रद्धा भाव से उनकी पूजा की जाती है।
मलाणा का फागली उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह इस क्षेत्र की समृद्ध परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करता है। भले ही मौसम कितना भी प्रतिकूल हो, लेकिन मलाणा के लोग अपनी परंपराओं को निभाने से पीछे नहीं हटते, जो उनकी गहरी आस्था और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाता है।