India News(इंडिया न्यूज) Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों को राज्य का दर्जा दिया है। जिसके चलते अब सरकार इन बच्चों के माता-पिता की भूमिका में होगी। इस योजना में बच्चों की पीएचडी तक की शिक्षा, मासिक खर्च और यात्रा व्यय शामिल हैं। इसके अलावा अब सरकार ने इन बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग की सुविधा भी देने का फैसला किया है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग
जिसके लिए सभी जिलों में कोचिंग सेंटरों की सूची तैयार की जा रही है। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप के अनुसार योजना के तहत बच्चों को कोचिंग देने के लिए शिमला के नामी कोचिंग संस्थानों के साथ बैठकें की जा रही हैं। ताकि इन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण कोचिंग मिल सके। सभी जिलों में कोचिंग सेंटरों की सूची तैयार की जा रही है। उपायुक्त ने कहा कि सरकार के आदेशानुसार प्रत्येक जिले में कोचिंग सेंटरों की सूची तैयार की जानी है।
कोचिंग सेंटरों की सूची तैयार
इसके बाद इन संस्थानों में पात्र बच्चों को कोचिंग उपलब्ध करवाई जाएगी। विस्तृत चर्चा के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए गए। इस संबंध में विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया बनाई जाए, ताकि पात्र बच्चों को इसका लाभ मिल सके। कोई भी बच्चा इस योजना से वंचित न रहे। प्रदेश के सभी जिलों में कोचिंग सेंटरों की सूची तैयार की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं। यह प्रक्रिया सही तरीके से संचालित की जाए और सभी पात्र बच्चों को इसका लाभ मिले।
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