India News (इंडिया न्यूज),Himachal Mahashivratri: इस साल महाशिवरात्रि पर भक्तों को शिवालयों में भांग का घोटा प्रसाद के रूप में नहीं मिलेगा। नशे के खिलाफ छेड़े गए अभियान में अब देव समाज भी आगे आ गया है और इस परंपरा को बदलने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। हर साल महाशिवरात्रि पर सियाल, सियाली महादेव मंदिर, मनाली बाजार और ब्राण गांव के नीलकंठ महादेव मंदिर में भांग का घोटा तैयार किया जाता था, जिसे हजारों भक्त प्रसाद के रूप में ग्रहण करते थे। लेकिन इस साल घोटा की जगह खीर, फल और अन्य सात्विक प्रसाद वितरित किया जाएगा।
भक्तों को मिलेगा ‘शुद्ध प्रसाद’, पहली बार टूटी परंपरा
विशेष रूप से नीलकंठ महादेव मंदिर ब्राण में पहली बार यह परंपरा बदली जा रही है। यहां इस साल भक्तों को साबुदाने की खीर बांटी जाएगी। सियाली महादेव मंदिर और सियाल में भी इसी परंपरा को अपनाने का निर्णय लिया गया है। सियाली महादेव मंदिर के कारदार जयचंद ठाकुर ने बताया कि सियाल और बनसारी गांव के लोगों ने एक बैठक में यह फैसला लिया कि चिट्टा और अन्य नशों के खिलाफ चल रहे अभियान को मजबूत बनाने के लिए भांग का घोटा बांटने की परंपरा भी समाप्त की जानी चाहिए। ग्रामीणों ने एकमत होकर फैसला किया कि इस बार बाजार और सियाल दोनों ही शिव मंदिरों में घोटा नहीं बनेगा। इसके बजाय भक्तों को खीर, फल और अन्य सात्विक प्रसाद दिया जाएगा।
धार्मिक परंपरा में बदलाव का बड़ा संदेश
यह फैसला सिर्फ परंपरा बदलने का नहीं, बल्कि समाज में बढ़ रहे नशे के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने का प्रयास है। जब समाज के लोग खुद नशे के खिलाफ आगे आ रहे हैं, तो यह निश्चित ही एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। अब देखना होगा कि इस बदलाव को भक्तों से कितना समर्थन मिलता है और क्या अन्य मंदिर भी इसी रास्ते पर चलते हैं!