India News (इंडिया न्यूज), Himachal Mandi Short Film: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक ऐतिहासिक सत्य घटना पर आधारित फिल्म की शूटिंग शुरू हो गई है। केजी प्रोडक्शन द्वारा बनाई जा रही यह लघु फिल्म बरीणा प्रथा पर केंद्रित है, जो सदियों पहले समाज में प्रचलित थी। यह फिल्म एक ऐसी मार्मिक घटना को दर्शाएगी, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया था और इस प्रथा के अंत का कारण बनी थी।
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी बरीणा प्रथा पर आधारित है, जिसमें गरीब परिवार अपनी बेटियों की शादी अधेड़ उम्र के पुरुषों से पैसे लेकर करा देते थे। यह फिल्म एक लड़की लाहौला की त्रासदी को दिखाएगी, जिसे उसके पिता ने पैसों के लिए बेच दिया था। अपनी मर्जी के खिलाफ इस शादी से दुखी होकर लाहौला ने विवाह के दिन पिंगला खड्ड में कूदकर अपनी जान दे दी। इस दर्दनाक घटना ने समाज को जागरूक किया और धीरे-धीरे बरीणा जैसी कुप्रथाओं का अंत होने लगा। मंडी जिले में इस घटना को लोकगाथा के रूप में याद किया जाता है, जिसे आज भी लोकगायक गाते हैं। “बसोये रा ध्याड़ा बापुआ, जुगा जुगा याद रहणा मेरे बापुआ” जैसे शब्द उस बेटी की पीड़ा को बयान करते हैं, जिसे उसकी इच्छा के विरुद्ध ब्याह दिया गया था।
फिल्म में कौन-कौन कर रहा है काम?
इस फिल्म में मंडी जिले के कई चर्चित कलाकार अभिनय कर रहे हैं, जिनमें से कुछ मुंबई फिल्म इंडस्ट्री से भी जुड़े हुए हैं। फिल्म के संगीत निर्देशक बालकृष्ण शर्मा हैं, जिन्हें हिमाचल गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा, एसोसिएट डायरेक्टर अनिल महंत और पुष्प राज पुष्पी हैं, जबकि छायांकन गगनेश कुमार कर रहे हैं।
शामिल होंगी कई हस्तियां
फिल्म की शुरुआत के अवसर पर डॉ. सूरत ठाकुर (हिमाचल अकादमी के पुरस्कृत लेखक और लोक संस्कृति विशेषज्ञ), सर्व देवता कमेटी के सलाहकार युद्धवीर शर्मा सहित कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे। फिल्म में प्रमुख भूमिकाओं में राम पाल मलिक, ललिता, श्रेया, वनीता, अश्वनी शर्मा, अनिल पठानिया, चांदनी, भारती बहल, मोनिका, हरिचरण, पंकज, इशिका, कृतिका, गगनदीप, निखिल, वेद कुमार, चिंता देवी और राजेश कुमार नजर आएंगे।
फिल्म का महत्व और समाज को संदेश
यह फिल्म सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना को नहीं दिखाएगी, बल्कि हिमाचल की संस्कृति, सामाजिक परिवर्तन और बेटियों के अधिकारों को भी उजागर करेगी। यह समाज को यह संदेश देगी कि बेटियां किसी के लिए बोझ नहीं होतीं।
समाज में बदलाव लेन की क्रांति
मंडी जिले की यह ऐतिहासिक घटना न केवल एक दर्दनाक बीती कहानी है, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने वाली क्रांति का भी प्रतीक है। यह फिल्म उन लोगों की आंखें खोलने का काम करेगी, जो अब भी बेटियों को बोझ समझते हैं। बेटियों को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए, यही इस फिल्म का सबसे बड़ा संदेश होगा।