India News (इंडिया न्यूज), Himachal News: हिमाचल प्रदेश में बीपीएल सूची की दो साल बाद समीक्षा की जाएगी। सरकार ने इस समीक्षा के लिए नए मापदंड तय किए हैं, जिससे अपात्र परिवारों को सूची से बाहर किया जाएगा और वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल होने का अवसर मिलेगा। बता दें, राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में 9 जनवरी को बीपीएल परिवारों के चयन में पारदर्शिता लाने के लिए नए नियमों को मंजूरी दी गई।
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जानकारी के अनुसार महिला मुखिया वाले परिवार, 50% या उससे अधिक विकलांगता वाले मुखिया के परिवार, मनरेगा के तहत पिछले वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिन का रोजगार पाने वाले परिवार और ऐसे परिवार जिनका कमाने वाला सदस्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर बीपीएल सूची में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में बीपीएल परिवारों की सूची की समीक्षा पिछले दो वर्षों से नहीं हुई थी, जिसके कारण कई अपात्र परिवार अब भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
पहले बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए सालाना आय सीमा 30,000 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दिया गया है। हालांकि, ऐसे परिवारों के पास निजी वाहन, शहरी क्षेत्र में पक्का मकान या कोई सरकारी नौकरी नहीं होनी चाहिए*। प्रदेश में बढ़ती प्रति व्यक्ति आय को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। इसके अलावा बीपीएल सूची का प्रारंभिक चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाएगा, जिसके बाद संबंधित क्षेत्र के बीडीओ और एसडीएम* इसका सत्यापन करेंगे। इससे सूची में पारदर्शिता बनी रहेगी और जरूरतमंद परिवारों को योजनाओं का सही लाभ मिलेगा।
इसके तहत बीपीएल सूची में शामिल परिवारों को सस्ते राशन, मुफ्त इलाज, सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता, मुफ्त बिजली कनेक्शन, आवासीय सहायता जैसी सुविधाएं मिलेंगी, साथ ही हिमाचल प्रदेश में बीपीएल सूची की समीक्षा अप्रैल 2025 से शुरू होगी। सरकार का यह कदम सही लाभार्थियों तक योजनाओं को पहुंचाने में मदद करेगा और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाएगा।