India News HP (इंडिया न्यूज़) Himachal News: हिमाचल प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने नशे की समस्या को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कम मात्रा में ड्रग्स के साथ पकड़े गए नशेड़ियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं किया जाएगा। उन्हें सुधरने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके पीछे वजह यह है कि एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में कई गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 2014 में जहां 644 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2023 में इनकी संख्या बढ़कर 2,147 हो गई। इससे पता चलता है कि सजा कम नहीं हो रही है।

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ड्रग्स तस्करी को लेकर डीजीपी ने कहा?

पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में एनडीपीएस एक्ट के तहत 3118 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 103 महिलाएं और 6 विदेशी शामिल हैं। इनमें से केवल 200 से 250 के पास ही व्यावसायिक मात्रा में ड्रग्स थे। अधिकारी ने कहा कि इनमें से अधिकांश नशेड़ी तस्कर हैं, जो अगली खुराक के लिए ऐसा करते हैं। डीजीपी अतुल वर्मा ने गुरुवार को पीटीआई को बताया, “इनमें से कुछ नशेड़ी अपराधी नहीं हैं। वे स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्हें एनडीपीएस अधिनियम की धारा 64 ए के तहत सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए, जो कम मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थों के साथ पकड़े गए नशा करने वालों को अभियोजन से छूट प्रदान करता है।” उन्होंने कहा कि राज्य में इस प्रावधान का कभी इस्तेमाल नहीं किया गया।

डीजीपी ने कहा, “नशे के आदी लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। धारा 14 ए के बारे में जागरूकता अभियान में एनजीओ और सेवानिवृत्त अधिकारियों को लगाया जाएगा। उन्हें चिकित्सा उपचार के जरिए सुधरने का मौका दिया जाएगा।

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