India News HP(इंडिया न्यूज) Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार(10 सितंबर) को बिजली खपत पर 10 पैसे प्रति यूनिट मिल्क सेस लगाने वाला विधेयक पास हो गया। बता दें, सीएम सुक्खू ने सोमवार को ही इस विधेयक को सदन में पेश किया था। विधानसभा में चर्चा के बाद संशोधन विधेयक पारित हो गया। इस संशोधन विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में लोगों को महंगी बिजली मिलेगी।
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‘आम लोगों पर डाला जा रहा है बोझ’- जयराम ठाकुर
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इसे जनविरोधी फैसला बताया। उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है, तब से आम लोगों पर बोझ डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उद्योगों पर सेस भी बढ़ा दिया गया है। इससे उद्योग प्रदेश से पलायन कर रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इन सब बातों को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई है, तब से प्रदेश में विकास हुआ है। जनता का काम सिर्फ वोट डालना है।
हर यूनिट पर 10 पैसे अतिरिक्त बिल
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में पात्र उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का प्रावधान है। इस उपकर का इस्तेमाल राज्य में दूध उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ दूध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाएगा। राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद हिमाचल में लोगों को बढ़ी हुई दरों पर बिजली उपलब्ध होगी। बढ़ी हुई दरें लागू होने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को 150 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने पर 15 रुपये तक का अतिरिक्त बिल देना होगा।
लघु औद्योगिक ऊर्जा इकाइयों में पर्यावरण सेस
इसके अलावा एक और संशोधन भी किया गया है। इसके अनुसार लघु औद्योगिक ऊर्जा इकाइयों में 2 पैसे प्रति यूनिट, मध्यम औद्योगिक ऊर्जा पर 4 पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे तथा वाणिज्यिक क्षेत्र पर 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लगाया जाएगा। अस्थाई कनेक्शन पर 2 रुपये प्रति यूनिट, स्टोन क्रशर पर 2 रुपये प्रति यूनिट तथा इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन पर 6 रुपये प्रति यूनिट की दर से पर्यावरण उपकर लगाया जाएगा। पर्यावरण उपकर का उपयोग अक्षय ऊर्जा से बिजली उत्पादन बढ़ाने तथा पर्यावरण की रक्षा के लिए किया जाएगा।