India News HP (इंडिया न्यूज़), Himachal News: हिमाचल प्रदेश में लगातार वोकेशनल टीचर्स का प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां फिर एक बार हिमाचल प्रदेश के शिमला में सोमवार को वोकेशनल टीचर्स का प्रदर्शन हुआ, जिसमें लगभग 1,100 स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों ने अपनी समस्याओं के बारे में बताया । यह प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित किया गया। शिक्षकों का ये धरना प्रदर्शन अभी भी जारी है। ऐसे में चलिए जानते है आखिर क्यों यहां के शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे है।

दरअसल शिक्षकों का आरोप है कि कंपनियां उनके काम का उचित मुआवजा नहीं देतीं और शोषण कर रही हैं। प्रदर्शन में कई महिला टीचर्स अपने छोटे बच्चों के साथ आईं, जो उनके लिए एक मजबूरी थी। उन्होंने बताया कि कम वेतन और सड़कों पर प्रदर्शन करने की परिस्थितियों के कारण उन्हें अपने बच्चों को साथ लाना पड़ा। उनका कहना है कि शादी के बाद उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं।

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वोकेशनल टीचर्स ने लगाए गंभीर आरोप

वोकेशनल टीचर्स ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनियां उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान कर रही हैं। उदाहरण के लिए, गर्भावस्था के दौरान मातृत्व अवकाश पर जाने वाली महिलाओं के वेतन से कंपनी सभी शिक्षकों का हिस्सा काट लेती है।

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शिक्षकों ने की ये मांग

हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि राज्य में 2,174 वोकेशनल टीचर्स हैं, जो पिछले 11 वर्षों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार सभी वोकेशनल टीचर्स के लिए स्थाई नीति तैयार करे और कंपनियों के काम को समाप्त करके उन्हें शिक्षा विभाग में शामिल किया जाए। उनका मानना है कि इससे उनके शोषण को रोका जा सकेगा।

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