India News HP(इंडिया न्यूज), Himachal Politics: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिवों और मंत्रियों के वेतन को रोकने से हमारा मकसद लोगो को जागरुक करने से है। जो भी साधन संपन्न लोग अगर बिजली का बिल भर सकते हैं तो उन्हें मुफ्त बिजली आखिर क्यों दी जाए?

मुख्यमंत्री ने क्या कहा

रज्य की वित्तीय परिस्थिति पर सीएम सुक्खू ने कहा कि हम तो सिर्फ अपने अधिकार केंद्र से मांग रहे हैं। बहरहाल, जब-जब सुधार होते हैं तब-तब थोड़े वक्त के लिए रुकावट आती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि राज्य में आर्थिक संकट आ चूका है। हम व्यवस्थित रूप से वित्तीय व्यवस्था को ठीक करने की कोशिस कर रहे हैं। वित्तीय विवेकशीलता की और आगे बढ़कर हम अब कुछ और सुधार करना चाहते हैं। सीएम सुक्खू ने आगे कहा कि मुख्य संसदीय सचिवों और मंत्रियों के वेतन को रोकने से हमारा मकसद लोगो को जागरुक करने से है।

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जो भी साधन संपन्न लोग अगर बिजली का बिल भर सकते हैं तो उन्हें मुफ्त बिजली आखिर क्यों दी जाए? और पानी का बिल भी जो दे सकता है उसे मुफ्त का पानी आखिर क्यों दिया जाए? वहीं, भाजपा ने जून 2022 में सभी लोगों का पानी बिल माफ कर दिया था, मगर आप फाइव स्टार होटलों को मुफ्त की पानी व सब्सिडी में बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं जो की बिलकुल भी उचित नहीं है।

लोगों ने कहा नहीं पीना मुफ्त का पानी

सीएम सुक्खू ने बताया कि सब्सिडी छोड़ने के सिलसिले से मुझे करीब हजार लोगों के फोन आ चुके हैं। वहीं, अब जब 75 वर्ष से अधिक उम्र के 28 हजार परिवारों को एरियर दे दिया गया है तो और परिवारों को भी दिया जायेगा। सीएम सुक्खू ने रविवार को कहा कि हमने जो भी वादे किए हैं, उन सब को भी पूरा कर रहे हैं।

तो वहीं, 14-14 तरह की सब्सिडी दे रहे हैं। और तो और कई लोगों ने फोन करके कहा कि हम बिजली सब्सिडी को छोड़ना चाहते हैं, क्योंकि हम दस लाख रुपये आयकर के रूप में देते हैं। तो वहीं, कई लोगों ने कहा कि वे मुफ्त का पानी नहीं पीना चाहते हैं लेकिन हमें पीने को अच्छा पानी दीजिए।

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