India News HP(इंडिया न्यूज),Himachal Pradesh Financial Crisis: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट की खबरों के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने मंत्रियों और मुख्य संसदीय सचिवों के वेतन-भत्तों में देरी की है। इसके बाद से ही राज्य में आर्थिक संकट के कयास लगाए जा रहे हैं।

कहा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं, जिससे आने वाले समय में कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन देने में दिक्कतें आएंगी। राज्य में कथित आर्थिक संकट को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष पर पलटवार किया है।

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‘आर्थिक संकट की बात सरासर झूठ ‘

शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में कोई आर्थिक संकट नहीं है। प्रदेश में वित्तीय गड़बड़ियों की बात हो रही है, जो बिल्कुल गलत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले दिन से ही हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर और वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार किया जा रहा है। वेतन-भत्तों में देरी करना अर्थव्यवस्था में सुधार का ही एक हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई आर्थिक संकट नहीं है। यह खुद को अनुशासित करने के लिए लिया गया फैसला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर वर्ग को यह समझना होगा कि हमें खुद को अनुशासित करना है।

बीजेपी पर CM सुक्खू का जोरदार हमला

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए अभी 19 महीने ही हुए हैं। पिछली भाजपा सरकार के दौरान शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मामले में सिर्फ राजनीति कर रही है। कभी भाजपा ड्रोन से जासूसी की झूठी कहानियां फैला रही है तो कभी शराब नीति में घोटाले की झूठी कहानियां फैलाई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को मुद्दे उठाने के लिए शिक्षित करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई आर्थिक संकट नहीं है। भारतीय जनता पार्टी सनसनी फैलाना बंद करे।

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