India News (इंडिया न्यूज), Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश, जिसे देवभूमि और वीरभूमि के नाम से जाना जाता है, आज अपना 55वां पूर्ण राज्यत्व दिवस मना रहा है। जानकारी के मुताबिक, यह राज्य भारतीय गणराज्य का 18वां राज्य बना और अपने गठन के बाद से ही विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
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15 अप्रैल 1948: एक नई शुरुआत
ऐसे में, 15 अप्रैल 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश को मुख्य आयुक्त प्रांत के रूप में गठित किया गया। महासू, मंडी, चंबा, और सिरमौर को अलग-अलग जिलों का दर्जा दिया गया। कई संघर्षों और चुनौतियों के बाद, शिमला के ऐतिहासिक टका बेंच से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा की। इस घोषणा ने हिमाचल के विकास का नया अध्याय लिखा। बताया गया है कि, हिमाचल प्रदेश ने न केवल कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को पार किया, बल्कि विकास के अनेक मील के पत्थर भी स्थापित किए। यह राज्य अपनी खूबसूरती, सेब उत्पादन, और पर्यटन के लिए विश्वभर में मशहूर है। यहां की सड़कों, शिक्षा व्यवस्था, और स्वास्थ्य सेवाओं ने इसे पहाड़ी राज्यों के बीच एक प्रेरणास्रोत बनाया है।
विरासत और उपलब्धियां
जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश ने न केवल देश के भीतर बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बनाई है। यहां की सादगी, संस्कृति, और प्रकृति के साथ-साथ यहां के लोगों का मेहनती स्वभाव इसे खास बनाता है। बता दें, पिछले 54 सालों में हिमाचल प्रदेश ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे न केवल पहाड़ी राज्यों बल्कि मैदानी क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा हैं। हिमाचल का यह सफर दर्शाता है कि जज्बा और मेहनत से हर बाधा को पार किया जा सकता है।
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