India News (इंडिया न्यूज़),Himachal Pradesh ka Mausam: हिमाचल प्रदेश में आज से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है, जिससे राज्य के कई जिलों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, लाहुल-स्पीति और मंडी जिलों में बारिश और बर्फबारी देखने को मिल सकती है। बीते दिन रोहतांग, बारालाचा और कुंजुम की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई, जबकि निचले इलाकों में मौसम शुष्क रहा।

निचले स्तर पर धूप का सिलसिला जारी

राज्य के कई हिस्सों में बादल छाए रहे, लेकिन वर्षा नहीं हुई। निचले क्षेत्रों में धूप खिली रही, जिससे लोगों को ठंड से राहत मिली। मौसम विभाग ने शुक्रवार को प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात और वर्षा की संभावना जताई है। आगामी दिनों में भी मौसम इसी तरह बना रह सकता है। प्रदेश में जनवरी के दौरान सामान्य से 70 से 95 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिसका असर रबी की फसलों और बागवानी पर पड़ सकता है। जल शक्ति विभाग के अधिकारी धर्मशाला के खनियारा स्थित श्री इंद्रु नाग देवता मंदिर में पहुंचे और हवन कर वर्षा व हिमपात की प्रार्थना की। जल स्रोतों के सूखने से विभाग की चिंता बढ़ गई है, जिससे पेयजल संकट गहराने की आशंका है।

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तापमान में उतार-चढ़ाव लगातार जारी

मौसम में बदलाव के कारण तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखा गया। डलहौजी में अधिकतम तापमान में 6.9 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जबकि कुल्लू के सेऊबाग में 5.6 डिग्री, मंडी में 3.7 डिग्री और कांगड़ा में 2.4 डिग्री की वृद्धि देखी गई। लाहुल-स्पीति के ताबो में न्यूनतम तापमान -5.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य में सबसे कम रहा।

कोहरे के कारण ट्रेने लेट

कोहरे और धुंध का असर रेल यातायात पर भी पड़ा है। पंजाब में छाए घने कोहरे के कारण हिमाचल एक्सप्रेस 19 मिनट की देरी से ऊना रेलवे स्टेशन पहुंची, जबकि वंदे भारत एक्सप्रेस भी 16 मिनट देर से पहुंची। हालांकि, कालका-शिमला रूट की छह ट्रेनें अपने निर्धारित समय पर रवाना हुईं। हवाई सेवाएं सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं, और भुंतर एयरपोर्ट से देहरादून व जयपुर के लिए उड़ानें भरी गईं। कांगड़ा एयरपोर्ट व जुब्बड़हट्टी से भी उड़ानें सामान्य रूप से जारी हैं। प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के चलते आगामी दिनों में मौसम बदल सकता है और ऊंचे इलाकों में बर्फबारी के साथ निचले क्षेत्रों में ठंड बढ़ सकती है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि फरवरी की शुरुआत में भी वर्षा और हिमपात की संभावना बनी रहेगी, जिससे किसानों और पर्यटकों को राहत मिल सकती है।

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