India News HP (इंडिया न्यूज),Himachal Protest: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद के खिलाफ दिनभर विरोध प्रदर्शन जारी रहा। हजारों की संख्या में लोग जुटे और अवैध निर्माण को गिराने की मांग की। इसके साथ ही दूसरे राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों का प्रभावी सत्यापन करने की मांग की गई। अब हिंदू संगठनों की ओर से दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। वे इस मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
Ghaziabad News: यूपी के इस जिले में 8 सितंबर को बंद रहेंगी मांस-मछली की दुकानें, नगर निगम ने दिए सख्त आदेश
कसुम्पटी में भी अवैध रूप से मस्जिद बनाने का आरोप
संजौली का असर शिमला के कसुम्पटी इलाके में भी देखने को मिला। यहां लोगों ने एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां अवैध तरीके से मस्जिद बनाई जा रही है। भारतीय जनता पार्टी की पार्षद रचना शर्मा और पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा की अध्यक्षता में लोग यहां एकत्रित हुए और मस्जिद को अवैध तरीके से बनाने का आरोप लगाया गया। लोगों ने यहां एकत्रित होकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। इस दौरान यहां भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात नजर आया।
कच्चे ढारे में हो रहा अवैध निर्माण : कसुम्पटी पार्षद
कसुम्पटी की पार्षद रचना शर्मा ने बताया कि कच्चे ढांचे पर अवैध रूप से मस्जिद बनाई गई है। बाहर से कुछ दिखाई नहीं देता, लेकिन अंदर निर्माण कार्य चल रहा है। इस मामले में पहले भी लोग आवाज उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने स्थानीय प्रशासन से बात की है। स्थानीय प्रशासन ने इसके लिए दो दिन का समय मांगा है। इसके बाद स्थिति स्पष्ट की जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने आते हैं, जबकि यह मस्जिद नहीं है।
पहले से बनी है मस्जिद- पूर्व डिप्टी मेयर
इस बीच नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा कि छोटा शिमला वार्ड के आखिरी छोर पर अवैध रूप से मस्जिद चल रही है। पिछले चार सालों में यहां गतिविधियां बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड ने यह जमीन सादिक मोहम्मद की पत्नी मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दी थी, लेकिन उनके बच्चों ने इसे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया। इसके बाद यहां बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा कि बाहर से यह संपत्ति ऐसी ही दिखती है, लेकिन इसके अंदर निर्माण कार्य चल रहा है।
पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने भी कहा कि यहां एक किलोमीटर की दूरी पर पहले से ही मस्जिद है। ऐसे में यहां अवैध तरीके से मस्जिद बनाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी लोग सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहना चाहते हैं।