India News (इंडिया न्यूज), Himachal Tourism: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की पार्वती घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कसोल, सूमारोपा और बिंद्रावनी को ईको-टूरिज्म के तहत नई कैंपिंग साइट घोषित किया गया है। इससे न केवल सैलानियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

इस्रायली सैलानी का बड़ी संख्या में आना

पार्वती घाटी, अपने प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के लिए पहले से ही देशी-विदेशी पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। विशेषकर, यहां इस्रायली सैलानी बड़ी संख्या में आते हैं। अब इन नए कैंपिंग स्थलों के विकसित होने से पर्यटकों का अनुभव और बेहतर होगा।

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पर्यावरण के अनुकूल तरीके से होगा विकसित

सरकार की योजना के तहत इन तीनों जगहों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से विकसित किया जाएगा। बिंद्रावनी, कसोल और सूमारोपा में कैंपिंग साइट तैयार होने से करीब 500 युवाओं के लिए रोजगार के दरवाजे खुलेंगे। इन स्थलों पर कैंपिंग और ट्रैकिंग के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। काईसधार और सोलंगनाला जैसे स्थलों को भी पर्यटन के लिए बेहतर बनाया जा रहा है। सोलंगनाला में स्कीइंग के लिए ढलानों को उन्नत किया जाएगा और तीन करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण होगा। वहीं, काईसधार में ई-कार्ट सेवा शुरू की गई है।

युवाओ और स्थानीय व्यापार को फायदा

स्थानीय लोगों और होटल व्यवसायियों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि स्थानीय व्यापार को भी फायदा होगा। यह कदम न केवल हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि सरकार के राजस्व में भी वृद्धि करेगा। पार्वती घाटी में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देना पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।

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