India News HP(इंडिया न्यूज),HP Govt: हिमाचल प्रदेश में सरकारी दफ्तरों के कर्मचारियों को अगस्त की सेलरी न मिलने से कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। यहां तक की पेशन पाने वालों को भी अभी तक पेशन नहीं मिली हैं। जिसके कारण कर्मचारियों में गुस्सा देखने को भी मिल रहा है।
क्या हैं वजह
जानकारी के मुताबिक, सेलरी और पेंशन देने को लेकर सरकार की ओर से किसी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, हर महीने कर्ज लेकर सेलरी और पेंशन देने की कस्टम को बंद करने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है। अगर कर्ज लेकर वक्त पर सेलरी और पेंशन दिया जाता हैं तो सरकार को 3 करोड़ रुपये महीने का इंटरेस्ट देना पड़ेगा। यानी कि 1 साल में 36 करोड़ रुपये का इंटरेस्ट सरकार को देना पड़ता हैं।
CM बोले- कोई आर्थिक संकट नहीं
बता दें कि CM सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 1 दिन पहले कहा था कि, प्रदेश में कोई आर्थिक संकट नहीं है। राज्य में वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने के लिए ही मंत्रियों और विधायकों की सेलरी को 2 महीने आगे तक रोका गया है। वहीं, विपक्ष नेता जयराम ठाकुर का कहना हैं कि प्रदेश की हालत आर्थिक इमरजेंसी जैसी है। कर्मचारियों को सेलरी और पेंशनधारकों को पेंशन नहीं मिली है।
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सेलरी न मिलने से कर्मचारी परेशान
बता दें कि कर्मचारियों को यह आशा थी कि उन्हें सोमवार को सेलरी और पेंशनधारकों को पेंशन मिल जाएगीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कर्मचारियों को इस बात की चिंता हैं कि बैंकों की किस्तों और दुसरे खर्चों को कैसे पूरा करेगें। ज्यादातर कर्मचारियों ने बैंकों से तरह-तरह के लोन लिए हैं, जिनकी किस्तें 2 से 5 तारीख के बीच ही तय होती हैं।
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