India News HP (इंडिया न्यूज)HP Politics: प्रदेश कांग्रेस सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा पर जुबानी हमला बोला है। दोनों मंत्रियों ने पूछा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और सांसद अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से उसका हक कब दिलवाएंगे। दोनों ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रदेश विरोधी है, इसलिए वह हिमाचल को केंद्र से मिलने वाली धनराशि रोक रही है। जब से प्रदेश की सुक्खू सरकार ने 1.36 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया है, तब से भाजपा नेता कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ साजिश रचने में लगे हैं। लेकिन, जनता की ताकत के आगे उनका ऑपरेशन लोटस फेल हो गया है। नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उन्हें हिमाचल आकर सनसनी फैलाने की बजाय शालीनता और तथ्यों के आधार पर बात करनी चाहिए।
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एनपीएस कर्मचारियों के अंशदान और सरकार के हिस्से का करीब 10 हजार करोड़ रुपये दबाए बैठी है। जब 1.36 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल चुका है और सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिल रही है तो केंद्र को तुरंत हिमाचल सरकार और एनपीएस में शामिल कर्मचारियों को 10 हजार करोड़ रुपये वापस लौटाने चाहिए। केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर राज्य पर कई तरह की बंदिशें लगा दी हैं, जिसके तहत इस वित्त वर्ष में कर्ज लेने की सीमा 6600 करोड़ रुपये तय कर दी गई है।
इसके साथ ही बाह्य सहायतित परियोजनाओं के लिए तीन साल में 2900 करोड़ रुपये की सीमा तय की गई है, जबकि पहले इसके लिए कोई सीमा नहीं थी। इसके अलावा वर्तमान राज्य सरकार को ओपीएस लागू करने के लिए 1780 करोड़ रुपये का अनुदान नहीं मिल रहा है। नड्डा और अनुराग को बताना चाहिए कि उन्होंने हिमाचल पर लगी इन बंदिशों को केंद्र सरकार से हटवाने के लिए क्या प्रयास किए। वर्तमान राज्य सरकार अपने संसाधनों में बढ़ोतरी कर रही है। भाजपा नेता कांग्रेस सरकार को कैसे दोष दे सकते हैं, जब वे खुद हिमाचल का पैसा रोकने में लगे हैं। पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह माह में 5000 करोड़ रुपये की मुफ्त चीजें बांटी, जिससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा
उन्होंने कहा कि हिमाचल में आई भीषण आपदा में भाजपा ने सिर्फ राजनीति की, केंद्र सरकार ने एक पैसा नहीं दिया। केंद्र सरकार ने पीडीएनए के तहत दावे की राशि हिमाचल को नहीं दी। केंद्रीय टीमों ने हिमाचल का दौरा किया, राज्य सरकार ने केंद्र को 9900 करोड़ रुपये के संशोधित दावे भेजे, लेकिन आज तक कुछ नहीं मिला। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 4500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया और 23000 आंशिक और पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घरों का पुनर्वास किया। घर बनाने के लिए सिर्फ 1.30 रुपये दिए गए, सुक्खू सरकार ने राहत नियमावली में बदलाव करके सात लाख रुपये दिए। भाजपा विधायक दल ने हिमाचल आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव का समर्थन करने की बजाय विधानसभा से वाकआउट किया।
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