India News (इंडिया न्यूज), Gudiya Murder Case: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में 2017 में हुए बहुचर्चित गुड़िया रेप और मर्डर केस में पुलिस कस्टडी में हुई सूरज नामक आरोपी की हत्या के मामले में आज आठ पुलिस अधिकारियों को सजा सुनाई जाएगी। इनमें हिमाचल के आईजी जहूर जैदी भी शामिल हैं।

मामला 4 जुलाई 2017 को शुरू हुआ

सीबीआई की विशेष अदालत ने इन पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया है, जिनमें ठियोग के तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद, हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफिक अली और कांस्टेबल रंजीत सिंह शामिल हैं। हालांकि, शिमला के तत्कालीन एसपी डीडब्ल्यू नेगी को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया गया है।

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यह मामला 4 जुलाई 2017 को शिमला के कोटखाई इलाके से शुरू हुआ था, जब एक छात्रा गुड़िया (काल्पनिक नाम) स्कूल से लापता हो गई थी। दो दिन बाद उसका शव जंगल में मिला था, और जांच में यह सामने आया कि रेप और मर्डर के बाद उसकी हत्या की गई थी। पुलिस ने स्थानीय युवक समेत पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया, जिनमें सूरज नाम का नेपाली युवक भी शामिल था।

किस मामले में हुई सुनवाई?

18 जुलाई 2017 को कोटखाई पुलिस थाने में सूरज की मौत हो गई, और उसके शरीर पर 20 से ज्यादा चोट के निशान मिले थे। एम्स और सीबीआई की रिपोर्ट में पुलिस टॉर्चर से उसकी मौत की पुष्टि हुई। इस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया। इस मामले में गुड़िया के रेप और मर्डर के आरोपी नीलू को 18 जून 2021 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

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