India News Himachal Pradesh (इंडिया न्यूज़), Name Plate Controversy:  योगी सरकार अपने आदेशों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है। यूपी के बाद हिमाचल में ‘नेम प्लेट’ की चर्चा के बाद एक बार फिर इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। शुक्रवार को जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जेडीयू नेम प्लेट विवाद से सहमत नहीं है। साथ ही बैंड बजाने वालों द्वारा नेम प्लेट लगाने की मांग पर उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी सरकार ‘सबका साथ सबका विश्वास’ के साथ काम करती है। बिहार सरकार ऐसा नहीं करेगी। इन सब चीजों से बचना चाहिए।

दरअसल, यूपी सरकार की शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा है कि संभल के चंदौसी में बैंड बजाने वालों के नाम मंगलम, अशोक, गीता और सरोज रखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जो भी काम करे, उसे अपना नाम रखना चाहिए।

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हिमाचल के मंत्री के बयान पर राजनीति शुरू

वहीं, हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में फास्ट फूड, रेहड़ी-पटरी वालों और ढाबा मालिकों को अपनी दुकानों के बाहर पहचान पत्र लगाने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट कर कहा, ‘हिमाचल में भी हर रेस्टोरेंट और फास्ट फूड स्टॉल पर मालिक की आईडी लगाई जाएगी। इस संबंध में शहरी विकास और नगर निगम की ओर से मंगलवार को बैठक संपन्न होने के बाद निर्देश जारी किए गए।’

दरअसल, उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में भी नेम प्लेट लगाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य के आदेश के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस हाईकमान की नाराजगी के बाद सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं, लेकिन एक बार फिर देशभर में नेम प्लेट की चर्चा शुरू हो गई है।

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पहचान को लेकर यूपी सरकार सख्त

आपको बता दें कि मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश में होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट आदि से जुड़े सभी प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ढाबों और रेस्टोरेंट आदि खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच जरूरी है। प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालकों समेत वहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए।

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