India News (इंडिया न्यूज), MP News: पन्ना जिले के बृजपुर थाना क्षेत्र के इटवा खास गांव से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। खेत की मेड़ पर बनी घास की झोपड़ी में आग लगने से दो मासूम भाई जिंदा जल गए। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को गम और सदमे में डाल दिया है।

मासूमों की मौत से मची चीख-पुकार

घटना उस समय हुई जब देसु आदिवासी और उनकी पत्नी बच्चों को झोपड़ी में छोड़कर जंगल में लकड़ी बीनने गए थे। झोपड़ी में सो रहे 2 साल के अंकित और 3 साल के संदीप आग की चपेट में आ गए। सुबह करीब 9:30 बजे अचानक आग ने झोपड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। घास से बनी झोपड़ी तेजी से जल उठी, और दोनों बच्चे बाहर नहीं निकल सके। दर्दनाक तरीके से दोनों मासूमों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई।

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परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

जब देसु आदिवासी और उनकी पत्नी लकड़ी लेकर वापस आए, तो उनकी दुनिया उजड़ चुकी थी। उन्होंने देखा कि उनकी झोपड़ी राख का ढेर बन चुकी है। दोनों मासूमों के जले हुए शव देखकर पिता दहाड़ मारकर रोने लगे। उनकी चीख-पुकार सुनकर आस-पास के खेतों में काम कर रहे लोग दौड़कर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।

क्या थी आग लगने की वजह

पुलिस और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि झोपड़ी में आग कैसे लगी। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट या चूल्हे की चिंगारी से आग लगने की आशंका जताई जा रही है।

गरीबी की भेंट चढ़े मासूम

देसु आदिवासी ओमप्रकाश बाजपेई के खेत पर बटाई का काम करते थे खेत की रखवाली के लिए बनाई गई झोपड़ी ही उनके परिवार का घर थी। लेकिन गरीबी और हालात ने उनके बच्चों को जिंदगी से छीन लिया। इस घटना ने ग्रामीणों और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन यह घटना असुरक्षित जीवन और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े करती है।